UP: बेसिक शिक्षा विभाग में अफसरों के तबादले पर लगी रोक, CM से मुलाकात के बाद मंत्री का फैसला, 63 CDPO के ट्रांसफर

उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) में बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) समेत सभी विभागीय अधिकारियों के तबादलों पर अगली सूचना तक रोक लगा दी है। यह निर्णय बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा के बाद लिया। मंत्री ने स्पष्ट किया कि बच्चों का भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता है, और विभागीय स्थिरता बनाए रखने के लिए यह निर्णय आवश्यक था।

रविवार रात तक जारी होती रही तबादलों की लिस्ट

हालांकि, अन्य विभागों में रविवार देर रात तक तबादलों की लंबी सूची जारी की जाती रही। वर्ष 2025-26 के तबादला सत्र के अंतिम दिन, 15 जून को शासन ने कई विभागों में ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए, जिनमें परिवहन, जेल, लोक निर्माण और बाल विकास विभाग प्रमुख रहे।

Also Read: संतकबीरनगर: शिवबखरी के सत्यम नायक को मिला यूपी पुलिस आरक्षी का पहला नियुक्ति पत्र, गांव में बधाई का तांता

इन विभागों में हुए तबादले

बाल विकास परियोजना- 63 बाल विकास परियोजना अधिकारियों (CDPO) की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई।

वित्त एवं लेखा सेवा- समूह ‘ख’ के 41 अधिकारियों का तबादला हुआ, जिनमें कई जिला कोषाधिकारी भी शामिल हैं।

लोक निर्माण विभाग- 106 जूनियर इंजीनियर और 104 सहायक अभियंता की तबादला सूची गुपचुप तरीके से जारी की गई। अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंताओं की सूची सोमवार को जारी की जाएगी।

जेल विभाग- 11 जेल अधीक्षकों का स्थानांतरण किया गया। संतोष कुमार वर्मा को चित्रकूट से आगरा सेंट्रल जेल, आलोक कुमार शुक्ला को मेरठ से लखीमपुर खीरी और आलोक कुमार को नैनी सेंट्रल जेल से प्रयागराज भेजा गया है।

ट्रांसफर ऑर्डर की डेट 15 जून ही रहेगी

सूत्रों के अनुसार, सोमवार को भी कई विभागों में ट्रांसफर लिस्ट जारी की जाएगी, लेकिन सभी ट्रांसफर ऑर्डर की तिथि 15 जून ही होगी। यह रणनीति इसलिए अपनाई गई है ताकि किसी भी तबादले को लेकर बाद में संशोधन या निरस्तीकरण का दबाव न बने।

Also Read: CM योगी ने नव चयनित 1148 पुलिसकर्मियों को सौंपा नियुक्ति पत्र, कहा- UP की कानून-व्यवस्था को लोगों ने माना नजीर

राजनीतिक दबाव से दूर रहे मंत्री

रविवार को तबादलों के दौरान बीजेपी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और विधायक लगातार मंत्रियों से संपर्क करने की कोशिश करते रहे, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। मंत्रीगण और प्रमुख सचिव गुप्त स्थानों पर बैठकर लिस्ट को अंतिम रूप देते रहे।

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं.