Corona के माइल्ड सिम्पटम्स में बेहद कारगर है ये आयुर्वेदिक उपचार, ऐसे करें इस्तेमाल

लाइफस्टाइल: कोरोना से बचाव के लिए लोग तरह-तरह के इम्यूनिटी बूस्टर से लेकर दवाओं का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. लेकिन सबसे अच्छा और बढ़िया उपचार आयुर्वेदिक औषधियों को माना जाता है. कोरोना के हल्के लक्षण दिखने पर भी संक्रमित व्यक्ति को आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गई आयुष-64 और कबसुर कुडिनीर दवाएं दी जा सकती है. यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना आयुर्वेद में रोग को समूल रूप से नष्ट करने की क्षमता होती है. इसमें प्रयुक्त औषधियां शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती. वहीँ कई संस्थानों ने साथ मिलकर आयुष-64 और कबसुर कुडिनीर दावा का गहन परीक्षण किया. आइये जानते हैं कि आखिर यह दोनों औषधियां क्या हैं और कैसे कोरोना के खिलाफ लड़ने में हमारे शरीर को मजबूती प्रदान करती हैं.


सप्तपर्ण,चिरायता और कुटकी-
आयुष-64 ज्यादातर मलेरिया के रोग उपचार की दवाएं बनाता है. आयुष-64, सप्तपर्ण,चिरायता,कुटकी और कुबेराक्ष से मिलकर बनता है. सप्तपर्ण को आम बोल-चाल की भाषा में ‘सतौना’ भी कहा जाता है. इसकी हर एक गोली में घटक द्रव्य सप्तपर्ण,चिरायता और कुटकी की 100 मिलीग्राम और कुबेराक्ष की 200 मिलीग्राम मात्रा उपस्थित होती है. प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने इन घटक द्रव्यों से बने आयुष-64 पर किए शोध में पाया कि इसमें वायरस से लड़ने, बुखार ठीक करने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण उपस्थित हैं. मलेरिया रोधी आयुष-64 दवा अब हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों के उपचार में भी काम आ रही है.


इम्यूनिटी बढ़ाता है कबसुर कुडिनीर-
आयुर्वेद के आधार पर तैयार की गई कबसुर कुडिनीर बहुत कारगर औषधि है. इस कबसुर कुडिनी औषधि का प्रयोग राज्य के कई हिस्सों जैसे तमिलनाडु और कर्नाटक में इसका उपयोग काफी समय से किया जाता है. यह श्वसन तंत्र की बीमारियों के उपचार में प्रभावी होता है. आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य में तीन दोष होते हैं – वात,पित्त और कफ. कबसुर कुडिनीर कफ से संबंधित परेशानियों जैसे सर्दी,जुकाम,खांसी और बुखार से राहत दिलाता है. यह शरीर के दर्द को भी दूर करता है. कबसुर कुडिनीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व भी पाए जाते हैं. यह औषधि के घटक द्रव्य मुलिवर,कोष्टम,लवंगम,सिरुथेक्कू इत्यादि होते हैं.


दोनों औषधि के गुण-
आयुष-64 एक ऐसी पॉली हर्बल औषधि है, जिसमें फ्लू के लक्षणों को खत्म करने के गुण होते हैं. बिना किसी साइड इफेक्ट के यह दवाई शरीर में असर करती है. वहीं,कबसुर कुडिनीर 16 तत्वों से मिलकर बना होता है. यह श्वास से संबंधित बीमारियों में बेहद असरकारक है. यही कारण है कि कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को यह दोनों ही दवाई लेने का सुझाव दिया जा रहा है. कबसुर कुडिनीर तो डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज में भी प्रयुक्त होता है. डॉ.पटवर्धन बताते हैं कि इन दोनों ही दवाईयों के सेवन से मरीजों की स्थिति में सात से पंद्रह दिन के भीतर सुधार आता है. अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है.


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