त्योहारों से पहले सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, मिलेगा 10000 रुपये का फेस्टिवल एडवांस

वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर त्योहारों से पहले कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। इस दौरान त्योहारी सीजन से पहले उपभोक्ता मांग को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने कुछ घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था पर असर डाला है। ऐसे में मांग को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने स्पेशल फेस्टिवल एडवांस योजना और यात्रा अवकाश भत्ते कैश वाउचर योजना की घोषणा की है।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मांग को बढ़ाने की दिशा में खर्च के लिए अग्रिम में राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एलटीसी कैश वाउचर योजना (LTC Cash Voucher scheme) और स्पेशल फेस्टिवल एडवांस योजना (special festival advance scheme ) शुरू की जाएगी। एलटीसी व त्योहारों के लिए एडवांस से 36,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी।


वहीं राज्यों को अतिरिक्त पूंजीगत व्यय से 37,000 करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा होगी। इस तरह कुल 73,000 करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर निजी क्षेत्र ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी, तो अर्थव्यवस्था में कुल मांग एक लाख करोड़ रुपये के पार हो सकती है।


स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम


स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम अगले छह महीने के लिए उपलब्ध है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में मांग को प्रोत्साहन के लिए अपने सभी कर्मचारियों को एकमुश्त 10,000 रुपये का विशेष त्योहार अग्रिम देगी। राशि को 31 मार्च 2021 तक खर्च करना होगा।


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यह प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा और कर्मचारी 10 किस्तों में इसे जमा करा सकते हैं। स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के लिए 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं अगर राज्य भी आएं तो 8000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी। 



एलटीसी कैश वाउचर योजना


वित्त मंत्री ने यात्रा अवकाश भत्ते (LTC) के कैश योजना स्कीम की भी घोषणा की। इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को नकद वाउचर मिलेगा, जिससे वो खर्च कर सकेंगे। इससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ पीएसयू व सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा। एलटीसी के बदले नकद भुगतान डिजिटल होगा। इसके तहत ट्रेन या प्लेन के किराए का भुगतान होगा और वह टैक्स फ्री होगा।


एलटीसी के लिए नकद पर सरकार का खर्च 5,675 करोड़ रुपये बैठेगा। सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। राज्य सरकारें और निजी क्षेत्र एलटीसी को लागू कर सकते हैं। इससे 28,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता आय पैदा होगी। साथ ही गरीबों का भी भला होगा।


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