14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में भारतीय अर्द्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की पूरी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. जिसके बाद पूरे देश भर गुस्सा और आक्रोश का माहौल है और पाकिस्तान के विरोध में लोग रैलियां और प्रदर्शन भी कर रहे है. देश के कोने-कोने में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ का नारा लगते हुए लोग अपना विरोध भी व्यक्त कर रहे है. इसी दौरान बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस जघन्य और कायराना आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी. परिषद ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देश जम्मू-कश्मीर में हुए जघन्य और कायराना आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा व आलोचना करते हैं. यूएनएससी के स्थायी सदस्य देश चीन ने पुलवामा आतंकी हमले में जैश-ए-मोहम्मद को नामजद करते हुए शुक्रवार को जारी किये एक बयान को तवज्जो नहीं देने की कोशिश की. साथ ही चीन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन का जिक्र सिर्फ सामान्य संदर्भ में है और यह किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता. यह बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जारी किया था.
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चीन ने हमले को बताया सामान्य संदर्भ
पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका का जिक्र करने वाले बयान के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि उनका देश आतंकी घटना से जुड़े घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा- ‘कल यूएनएससी ने एक प्रेस बयान जारी किया जिसमें एक खास संगठन का जिक्र है, लेकिन सामान्य संदर्भ में. यह हमले पर किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता’.
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पुलवामा हमले के तीखे बयान पर तिलमिलाया चीन
विश्व की ताकतवर संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पुलवामा में हुए आतंकी हमले के खिलाफ तीखा बयान जारी करने पर चीन तिलमिला उठा है. दरअसल, चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और बृहस्पतिवार को पेश निंदा प्रस्ताव में जैश-ए-मोहम्मद की मजम्मत करने पर चीन उसमें से जैश का नाम हटवाना चाहता था, लेकिन वह सफल नहीं हो सका. 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने जब जैश का नाम नहीं हटाया तो अब चीन कह रहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन का उस बयान में जिक्र कोई खास बात नहीं है और यह कोई फैसला नहीं है.
मसूद अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध नहीं लगने दे रहा चीन
गौरतलब है कि चीन संयुक्त राष्ट्र की आतंकरोधी 1267 कमेटी में जैश प्रमुख मसूद अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने के लिए भारत और कई अन्य देशों की कोशिशों में बार-बार अड़ंगा डालता रहा है. वहीं, यूएनएसी के एक अन्य सदस्य देश फ्रांस ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वह अजहर को सूचीबद्ध कराने के लिए 1267 कमेटी में जल्द ही एक प्रस्ताव लाएगा.
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चीन ने लिया पाकिस्तान सरकार का पक्ष
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चीन ने इस बात का भी जिक्र किया है कि पाकिस्तानी सरकार ने जांच में भारत के साथ सहयोग करने की तत्परता दिखाई है और वह वार्ता के जरिए भारत के साथ मतभेदों को दूर करने को तैयार है. उन्होंने कहा- ‘चीन आशा करता है कि सभी पक्ष हमले की सच्चाई का पता लगाने के लिए काम करेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता की संयुक्त रूप से हिफाजत के लिए पाकिस्तान और भारत वार्ता करेंगे’.
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