यूपी: पुलिसकर्मियों के ‘आवास आवंटन’ में SSP के फर्जी साइन बनाकर कांस्टेबल कर रहा था मोटी कमाई, महकमे में खलबली

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में वर्षों से चल रहे यूपी पुलिस के आवास आवंटन के फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ है. इस फर्जीवाड़े में 1 आवास के बदले में  30 हजार रुपये तक वसूली भी की गई. बता दें कि सीओ लाइन कार्यालय में तैनात सिपाही कौशल कुमार, एसएसपी के फर्जी हस्ताक्षर करके पुलिसकर्मियों को आवास आवंटित कर रहा था. इसमें 3 सिपाहियों के आवास आवंटन की पोल खुलने के बाद उन सिपाहियों को जेल भेज दिया है. इस फर्जीवाड़े में और भी पुलिसकर्मियों के शामिल होने की आशंका है.


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ज्यादा सिपाही होने से रहती है आवास पाने की मारामारी

जिन पुलिसकर्मियों को आवास की आवश्यकता होती है वह एसएसपी के सामने पेश होते हैं. एसएसपी उनके प्रार्थना पत्र को एसपी लाइन या सीओ लाइन को भेज देते हैं. दोनों अधिकारियों के आदेश से आवास का आवंटन किया जाता है. बता दें कि जिले में 2500 से अधिक सिपाही तैनात हैं और पुलिस लाइन एवं थानों में कुल 1500 आवास हैं. इसीलिए आवास पाने के लिए मारामारी रहती है. सीओ लाइन कार्यालय में जनवरी 2017 से तैनात वर्ष 2011 बैच के सिपाही कौशल कुमार ने इसी बात का फायदा उठाया. उस सिपाही ने 30 हजार रुपये लेकर आवास आवंटन के फर्जी पत्र बनाकर सिपाहियों को दे दिए. गौर करने वाली बात ये है कि आदेश की प्रति आरआइ कार्यालय में भी भेजी जाती थी. इस पर पत्रांक संख्या फर्जी डालने के साथ ही एसएसपी के स्कैन हस्ताक्षर सेट कर दिए जाते थे, जिससे वह असली लगता था. सिपाही के फर्जी आवंटन के बाद कई वर्षों से सिपाही इनमें रह रहे थे.


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एसएसपी को हुआ शक तो खंगाल डाली फाइलें

आरआइ ऑफिस में तैनात मुंशी विजय कुमार अपने सरकारी आवास में बिना अनुमति निर्माण करा रहा था. आरआइ विनय कुमार साही ने उसे रोका, लेकिन वह नहीं माना, जिसके बाद उन्होंने एसएसपी से शिकायत की. एसएसपी ने फाइल निकलवाई तो आवंटन पर उनके हस्ताक्षर निकले और उन्हें शक हो गया. फाइलें खंगाली गईं तो 3 सिपाही विजय कुमार, प्रवेश और कप्तान के आवास एसएसपी के हस्ताक्षर से आवंटित पाए गए. एसएसपी ने इनकी जांच 15 दिन पहले एसपी क्राइम को दी थी. इसके बाद जब इस मामले की जांच की गयी तो सच खुलकर सामने आ गया.


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मामला खुलने से सिपाही हुआ गिरफ्तार

एसपी क्राइम रमेश प्रसाद गुप्ता की जांच में यह मामला खुल गया. इसमें दिसंबर 2017 में विजय कुमार और अप्रैल 2018 में प्रवेश और कप्तान सिंह के आवास आवंटित किए जाने की बात सामने आई. इसके बाद आरआइ विनय कुमार साही ने रकाबगंज थाने में मैनपुरी निवासी सिपाही कौशल कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया. इसमें रुपये लेकर आवंटन का जिक्र तो है, लेकिन कितने लिए जाते थे, यह स्पष्ट नहीं हो पाया हैं. सूत्रों के मुताबिक एक आवास के लिए कौशल कुमार 30 हजार रुपये लेता था. गुरुवार शाम को पुलिस ने कौशल कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि अभी मामले की जांच चल रही है. फर्जीवाड़े में और पुलिसकर्मियों के शामिल होने तथा अन्य आवासों का आवंटन फर्जी होने की आशंका है.


एसएसपी के फर्जी हस्ताक्षर से सिपाही ने बांट दिए आवास

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अधिकारी करेंगे घर-घर जाकर सत्यापन

पुलिस के आवास आवंटन में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद महकमे में खलबली मच गई है. एसएसपी अमित पाठक ने अब सभी आवासों के आवंटन की जांच के निर्देश दिए हैं. इसके लिए प्रतिसार निरीक्षक घर-घर जाकर आवास आवंटन का भौतिक सत्यापन करेंगे. 3 वर्ष में आवंटित हुए आवास जाँच के केंद्र में हैं.


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