मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग को भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली से 22 लाख रुपये का अनुसंधान अनुदान प्राप्त हुआ है।
यह अनुदान पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र की दुर्लभ, स्थानिक (एंडेमिक) और संकटग्रस्त वनस्पतियों के संरक्षण और उनके संभावित औषधीय एवं जैविक उपयोग (Bioprospection) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदान किया गया है।
इस परियोजना की अवधि तीन वर्ष होगी, जिसके दौरान गोरखपुर विश्वविद्यालय के शैक्षिक एवं शोध वनस्पति उद्यान को और अधिक विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के तहत वनस्पतियों के बाह्य संरक्षण (Ex-Situ Conservation) को मजबूती दी जाएगी, जिससे क्षेत्रीय जैव विविधता को सुरक्षित रखने में सहायता मिलेगी।
प्रोजेक्ट से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिक
इस महत्वपूर्ण शोध परियोजना के प्रधान अन्वेषक (Principal Investigator) डॉ. वीरेंद्र कुमार मधुकर और सह-प्रधान अन्वेषक (Co-Principal Investigator) डॉ. अशोक कुमार हैं। उन्होंने बताया कि यह अनुदान गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में संकटग्रस्त पौधों के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा।
डॉ. मधुकर ने बताया, “यह परियोजना सिर्फ वैज्ञानिक शोध तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसके तहत संरक्षित पौधों का व्यावहारिक उपयोग (Bioprospection) भी किया जाएगा, जिससे उनके औषधीय एवं व्यावसायिक महत्व को समझने में मदद मिलेगी।”
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गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस उपलब्धि पर वनस्पति विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में विश्वविद्यालय के योगदान को और मजबूत करेगी।
इस परियोजना की स्वीकृति के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के निदेशक डॉ. ए.ए. माओ और अतिरिक्त निदेशक डॉ. एस.एस. दाश का विशेष आभार व्यक्त किया है।
पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम
यह परियोजना न केवल वनस्पतियों के संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि इसके माध्यम से स्थानीय किसानों, औषधीय पौधों पर काम कर रहे शोधकर्ताओं और पर्यावरण प्रेमियों को भी लाभ मिलेगा। इससे औषधीय और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पौधों की पहचान एवं संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सकेगा।
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