अबसे सरकारी दफ्तरों में BSNL और MTNL का उपयोग करना होगा अनिवार्य, केंद्र सरकार ने जारी किया आदेश

केंद्र सरकार ने टेक्नोलॉजी के मामले में एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके अन्तर्गत आज ये ऐलान किया गया है कि, सभी मंत्रालयों, सार्वजनिक विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के लिए सरकारी दूरसंचार कंपनियो बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाओं के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है। इस ज्ञापन पर 12 अक्तूबर की तारीख अंकित है और इसे वित्त मंत्रालय से परामर्श के बाद केंद्र सरकार के सभी सचिवालयों और विभागों को जारी किया गया। 


जारी हुए आदेश

जानकारी के मुताबिक, सरकार ने यह निर्णय दूरसंचार कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए जारी किए हैं। इस ज्ञापन में कहा गया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल की दूरसंचार सेवाओं के इस्तेमाल को अनिवार्य करने का निर्णय मंत्रिमंडल ने लिया। दूरसंचार विभाग ने सभी मंत्रालयों, विभागों, सीपीएसई और केंद्रीय स्वायत्त संगठनों से कहा है कि वे इंटरनेट, ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और लीज्ड लाइन जरूरतों के लिए बीएसएनएल या एमटीएनएल नेटवर्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। 


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लगातार बढ़ते घाटे को देखकर किया फैसला

वित्त वर्ष 2019-20 में BSNL ने 15,500 करोड़ रुपये का घाटा और MTNL ने 3,694 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है। बीएसएनएल के वायरलाइन ग्राहक जो नवंबर 2008 में 2.9 करोड़ थे, वो इस वर्ष जुलाई में घटकर 80 लाख हो गया है। वहीं एमटीएनएल की फिक्स्ड लाइन ग्राहकों की संख्या नवंबर 2008 में 35.4 लाख से घटकर इस साल जुलाई में 30.7 लाख हो गई है।


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