हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research), जिसने जनवरी 2023 में अदाणी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचाई थी, उसने अब अपनी दुकान बंद करने का ऐलान किया है। इस अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म के फाउंडर नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह घोषणा की।
फाउंडर नाथन एंडरसन का ऐलान
40 वर्षीय एंडरसन ने कहा, ‘हमने जिन विचारों पर काम किया था, उन्हें पूरा करने के बाद फर्म को बंद करने का निर्णय पहले ही ले लिया गया था। अब वह समय आ गया है।’ उन्होंने लिखा कि यह फैसला सोच-समझकर लिया गया है और कई दौर की चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया।
अदाणी ग्रुप पर लगाए थे गंभीर आरोप
हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर “कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने” का आरोप लगाया था। इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे समूह के बाजार मूल्य में अरबों डॉलर की कमी हुई। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और जांच एजेंसियों से उन्हें क्लीन चिट भी मिली।
हिंडनबर्ग का इतिहास
हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना 2017 में हुई थी और इसने निकोला, कारवाना, लार्डस्टाउन मोटर्स और ब्लॉक जैसी कई हाई-प्रोफाइल कंपनियों को निशाना बनाया था। शॉर्ट सेलिंग के जरिए यह फर्म विवादित कंपनियों की कमजोरियों को उजागर करती थी।
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भारत में प्रभाव
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने भारत में राजनीतिक विवाद को जन्म दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट पर आधारित याचिकाओं को खारिज कर दिया, और अडानी ग्रुप ने अपने शेयरों की कीमतें काफी हद तक वापस हासिल कर लीं।
एक्सपर्ट्स की राय
बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने कहा कि हिंडनबर्ग एक ग्रे जोन में काम करता था। नेगेटिव रिपोर्ट पब्लिश करना और शॉर्ट पोजीशन लेना उसका मुख्य तरीका था। हालांकि, शॉर्ट सेलिंग लंबे समय में शायद ही कभी लाभदायक साबित होती है। नाथन एंडरसन के इस निर्णय ने अदाणी ग्रुप और अन्य लक्षित कंपनियों को राहत दी है।
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