एम्स गोरखपुर की राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली उपस्थिति: डॉ. संतोष शर्मा और डॉ. रविशंकर शर्मा ने एपीपीआरए-2025 में विशेषज्ञता साझा की

मुकेश कुमार, ब्यूरो चीफ़, पूर्वांचल। एम्स दिल्ली में आयोजित प्रतिष्ठित “एम्स पेन प्रैक्टिस एंड रीजनल एनेस्थीसिया (APPRRA-2025)” सम्मेलन में एम्स गोरखपुर ने अपनी शैक्षणिक श्रेष्ठता का शानदार प्रदर्शन किया। एनेस्थिसियोलॉजी, दर्द चिकित्सा एवं क्रिटिकल केयर विभाग के दो वरिष्ठ संकाय सदस्य—डॉ. संतोष शर्मा और डॉ. रविशंकर शर्मा—को इस राष्ट्रीय मंच पर गेस्ट फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किया गया।

18 से 20 अप्रैल 2025 तक चले इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय संज्ञाहरण एवं पुराने दर्द प्रबंधन पर केंद्रित कैडेवरिक कार्यशाला और सीएमई का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश के विशेषज्ञों की भागीदारी रही।

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डॉ. संतोष शर्मा ने कैडेवरिक प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभाई, जहाँ उन्होंने अल्ट्रासाउंड-निर्देशित तंत्रिका ब्लॉकों पर मास्टरक्लास का संचालन किया एवं व्याख्यान भी दिया, इस सत्र को देश भर के रेजिडेंट डॉक्टरों एवं फैकल्टी सदस्यों से अत्यंत सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ मिलीं।

वहीं, डॉ. रविशंकर शर्मा ने अल्ट्रासाउंड-गाइडेड क्रोनिक पेन इंटरवेंशन्स में अपनी विशेषज्ञता साझा की। उन्होंने स्पाइनल पेन मैनेजमेंट पर रेजिडेंट्स को प्रशिक्षण दिया और “स्पाइन हस्तक्षेप की जटिलताएँ: रोकथाम और प्रबंधन” पर आधारित अपनी प्रस्तुति दी। साथ ही, उन्होंने “दर्द चिकित्सा में शिक्षा और प्रशिक्षण” विषय पर एक पैनल चर्चा में हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने इस उभरती हुई विशेषज्ञता में संरचित अकादमिक कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया।

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इन संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी ने न केवल एम्स गोरखपुर की शैक्षणिक उत्कृष्टता को रेखांकित किया, बल्कि संस्थान की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को भी एक नई ऊंचाई प्रदान की।

कैडेवरिक वर्कशॉप: चिकित्सकीय प्रशिक्षण का एक अनमोल अवसर

यह कार्यशाला कैडेवर (संरक्षित मानव शरीर) की सहायता से आयोजित की गई थी, जिसमें डॉक्टर्स को जटिल चिकित्सीय तकनीकों का प्रत्यक्ष अभ्यास कराया गया। इस प्रकार की प्रशिक्षण विधियाँ चिकित्सकों की तकनीकी दक्षता को न केवल बढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें वास्तविक परिस्थितियों में कार्य करने के लिए अधिक आत्मविश्वास भी प्रदान करती हैं।

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संस्थान की कार्यकारी निदेशक और सीईओ मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता, एसएम (सेवानिवृत्त) ने इस उपलब्धि पर दोनों संकाय सदस्यों को हार्दिक बधाई दी और शैक्षणिक नवाचार एवं प्रतिबद्धता के प्रति उनके योगदान की सराहना की।

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