पीएम नरेन्द्र मोदी आज यानि कि शनिवार को पूर्वोत्तर दौरे पर थे, इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर नागरिकता विधेयक को लेकर जमकर हमला बोला. पीएम ने इस दौरान असम और पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया और कहा कि नागरिकता विधेयक से उनके हितों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा. मोदी असम के स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा नीत नेडा संयोजक हिमंता बिस्वा सर्मा के विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
नागरिकता बिल पर पीएम मोदी बोले यह सिर्फ असम और नॉर्थ-ईस्ट के लिए नहीं है, बल्कि देश के अनेक हिस्सों में मां भारती पर आस्था रखने वाले, भारत माता की जय बोलने वाली ऐसी संतानों के लिए है जिनको अपनी जान बचाकर मां भारती की गोद में आना पड़ा है. चाहे वे पाकिस्तान से आएं हों या अफगानिस्तान से. 1947 से पहले वे सभी भारत का हिस्सा थे, आस्था के आधार पर देश का विभाजन हुआ तो उन देशों के अल्पसंख्यक, हिंदू, जैन, सिख, पारसी, ईसाई ऐसे लोग वहां रह गए थे. उनके साथ जो हुआ, उनसे मिलोगे तो पता चलेगा.’
पीएम ने कहा कि यह पूर्वोत्तर के लोगों से एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है कि उन्हें किसी तरह नुकसान नहीं होगा और जांच एवं राज्य सरकारों की सिफारिश के बाद ही नागरिकता दी जाएगी. मोदी ने कहा कि यह समझा जाना चाहिए कि बलपूर्वक देश में घुसे लोगों और अपनी आस्था के चलते घर से भागने और अपनी जान बचाने वाले’’ लोगों के बीच फर्क है. दोनों समान नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि हम उन लोगों को शरण देने के प्रति प्रतिबद्ध हैं जो पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक हैं और जिन्हें उनपर ढाए गए जुल्मों के चलते सब कुछ छोड़ कर भागना पड़ा. वे हमारे देश में आए हैं और भारत मां के विचारों और लोकाचार को अपनाया है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार सिटिजनशिप बिल के अलावा असम समझौते में निहित 6 समुदायों को जनजाति का दर्जा देने पर काम भी कर रही है. इसके लिए राज्यसभा में बिल लाने का काम भी हमारी सरकार ने किया है. जिस तरह उनकी सरकार ने एससी एसटी और पिछड़ा वर्ग को नुकसान किए बिना सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिया है, उसी तरह नागरिकता बिल पर भी काम होगा.
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