भारत में महाकुंभ कोई साधारण आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और परंपरा का महासंगम है। 2025 के महाकुंभ (Mahakumbh 2025) ने दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों को भी पीछे छोड़ दिया। त्रिवेणी संगम में पचास करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर इतिहास रच दिया। यह आंकड़ा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी के बराबर है।
जब हम वैश्विक आयोजनों की बात करते हैं, तो ब्राजील का रियो कार्निवल, जर्मनी का अक्टूबर फेस्ट और हज यात्रा प्रमुखता से याद आते हैं। आइए एक नजर डालते हैं:
ब्राजील का रियो कार्निवल
हर साल लगभग 20 लाख लोग रियो कार्निवल में शामिल होते हैं। हालांकि यह आयोजन रंग, संगीत और नृत्य के लिए मशहूर है, लेकिन महाकुंभ की भीड़ के सामने यह संख्या तिनके के समान लगती है। पचास करोड़ श्रद्धालुओं की भीड़, रियो कार्निवल की भीड़ से लगभग 250 गुना अधिक थी।
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जर्मनी का अक्टूबर फेस्ट
दुनिया के सबसे बड़े बियर फेस्टिवल के रूप में प्रसिद्ध, अक्टूबर फेस्ट में लगभग 60 लाख लोग शामिल होते हैं। लेकिन महाकुंभ की तुलना में यह भी बेहद छोटा लगता है। महाकुंभ में शामिल लोगों की संख्या अक्टूबर फेस्ट की तुलना में 80 गुना अधिक रही।
सऊदी अरब की हज यात्रा
वहीं, इस्लाम धर्म के महत्वपूर्ण आयोजन हज यात्रा में हर साल लगभग 20 से 25 लाख लोग ही भाग लेते हैं।
महाकुंभ: आस्था का महासागर
महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु, संत, महात्मा और पर्यटक त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर आत्मिक शांति और मोक्ष की कामना करते हैं। इस आयोजन की भव्यता और पवित्रता, अन्य आयोजनों की तुलना में कहीं अधिक गहरी और सार्थक है। पचास करोड़ का आंकड़ा केवल संख्या नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि सनातन धर्म की जड़ें कितनी गहरी और मजबूत हैं। यह मानव इतिहास का पहला ऐसा आयोजन है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ शामिल हुए।
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी के बराबर
भारत और चीन के बाद, महाकुंभ 2025 में शामिल लोगों की संख्या दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी के बराबर थी। यह न केवल भारत के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आश्चर्यजनक घटना भी है।
महाकुंभ 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की आस्था कितनी विराट है। जहां रियो कार्निवल और अक्टूबर फेस्ट जैसे आयोजनों की चमक-दमक कुछ दिनों की होती है, वहीं महाकुंभ हर 12 साल में आस्था और मानवता का ऐसा अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है, जिसकी तुलना दुनिया में कहीं नहीं की जा सकती।
महाकुंभ में महा रिकॉर्ड
शुक्रवार यानी आज (14 फरवरी 2025) दोपहर 2 बजे तक की बात करें तो 79.73 लाख से अधिक लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। वहीं, 13 फरवरी 2025 तक 49.14 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया है। महाकुंभ 2025 ने अपनी विशालता और श्रद्धा की गहराई से एक नया इतिहास रच दिया है। इसकी तुलना में-:
- रियो कार्निवल में प्रति दिन 4-5 लाख लोग आते हैं।
- अक्टूबर फेस्ट में रोज़ाना 3-4 लाख लोग जुटते हैं।
- हज यात्रा में प्रतिदिन 1-2 लाख लोग ही शामिल होते हैं।
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