बिकरु कांड: 4 IPS से लेकर थानेदार तक, कई पुलिसकर्मियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

उत्तर प्रदेश में दो जुलाई को हुए बिकरू केस में लगातार जांच का दौर जारी है। दरअसल, इस जांच में कई बड़े अफसर समेत लोग कार्रवाई के अन्तर्गत आ सकते हैं। विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई से पूछताछ में दो एसएसपी, कई पीपीएस अफसर, जिला आपूर्ति अधिकारी, तहसीलदार से लेकर कई पुलिसकर्मियों के नाम भी सामने आए हैं। ये बात सामने आने के बाद से महकमे में हड़कंप मच गया है।


इनके नाम आए सामने

जानकारी के मुताबिक, जिन चार आईपीएस और चार पीपीएस अफसरों को जांच में शामिल किया गया है, उन सभी की अलग-अलग भूमिका साक्ष्यों के तौर पर पेश की गई है। चार आईपीएस में वो आईपीएस भी शामिल हैं जो यहां एसपी पश्चिम रहे हैं और वर्तमान में एक जिले के एसएसपी हैं। बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद हड़कंप मच गया है।


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इसके साथ ही जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिर जब विकास पर पांच दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज थे तो उसको टॉप- 10 में शामिल क्यों नहीं किया गया था। जमानत खारिज कराने के लिए पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की। इसमें दो पूर्व एसएसपी को जिम्मेदार बनाया गया है। तत्कालीन क्षेत्राधिकारी और थानेदारों के भी इसमें नाम हैं। वहीं जय बाजपेई पर कार्रवाई ना करने की वजह से एक पूर्व एसएसपी पर भी कार्रवाई हो सकती है।


सीओ देवेन्द्र के पत्र को किया जांच में शामिल

वहीं दूसरी तरह सोशल मीडिया पर वायरल सीओ देवेन्द्र मिश्रा के पत्र को जांच में शामिल किया है। साथ ही ये भी तथ्य है कि आठ बार सीओ की सिफारिश को नजरअंदाज कर एसओ को बचाया गया। विकास पर दर्ज मुकदमे में से रंगदारी की धारा हटाने में भी इन्हीं एसएसपी को दोषी बताया गया है। ये आईपीएस अभी मुरादाबाद पीएसी में तैनात हैं। इसके साथ जिस वजह से दबिश में लापरवाही क्यों हुई, इसके लिए वर्तमान एसएसपी झांसी को जिम्मेदार माना गया है।


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