आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक पार्टियों में तंज-तारीफों के खेल शुरू हो गए. इस दौरान भाजपा ने कांग्रेस के किसान कर्ज माफी को लेकर एक चुनावी नारा भी तैयार किया है. जिसमें भाजपा ने कहा है कि ‘कर्ज माफी धोखा है, धक्का दो मौका है’. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी हर सभाओं में कहना भी शुरू कर दिया है कि राहुल गांधी मिस लीड करने वाले नेता हैं. क्योंकि मध्यप्रदेश में न तो किसानों का कर्ज माफ हुआ और न ही मुख्यमंत्री बदला. कमलनाथ सरकार की जय किसान ऋणमाफी योजना के ऐलान के बाद से ही भाजपा कर्जमाफी को चुनावी प्रचार करार देती आ रही है और सरकार का मुखर विरोध करती रही है.
Also Read: लोकसभा चुनावः बीएसपी ने जारी की 6 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट
कांग्रेस पर वार, कर्जमाफी है हथियार
इस लोकसभा चुनाव में कमलनाथ सरकार के खिलाफ भाजपा उसी के हथियार से हमला करने की योजना बना रही है. दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की किसान कर्ज माफी भाजपा के लिए चुनावी हथियार साबित हो रही है. जिसे लेकर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस का किसानों का कर्ज माफ करने का वादा एक धोखा है. राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो 10 दिन में किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो 10वें दिन मुख्यमंत्री बदल देंगे, लेकिन अब तक न तो किसानों का कर्ज माफ हुआ है और न ही मुख्यमंत्री बदले. कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को धोखा दिया है, जिसका खामियाजा अब उन्हें भुगतना ही होगा.
Also Read: Video: मुलायम सिंह यादव के नामांकन से पहले रास्ते में मिला हैंड ग्रेनेड, मचा हड़कंप
कर्ज माफी की फाइल में किये थे हस्ताक्षर
मध्य प्रदेश भाजपा ने एक ऐसे नारे को चुनाव मैदान में उछालने की तैयारी की है, जो कर्जमाफी की पूरी कांग्रेसी कवायद को पंचर कर सकता है. यह नारा कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही किसानों को कर्ज माफी की हकीकत बताने के लिए तैयार किया गया है. ‘कर्जमाफी धोखा है, धक्का दो मौका है’. इस नारे को कमलनाथ सरकार के खिलाफ इस्तेमाल कर चुनावी सभाओं और रैलियों में बुलंद किया जाएगा. राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर 10 दिन में कर्ज माफ करने की घोषणा की थी कांग्रेस सत्ता में आई और कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ देर बाद ही बड़ा फैसला लिया था. उन्होंने सबसे पहले किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने की फाइल पर हस्ताक्षर किए थे.
Also Read: उत्तर प्रदेश के 23 जिलों में आज से 24 घंटे बिजली
किसानों के 2 लाख की सीमा तक का 31 मार्च 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ करने का आदेश जारी कर दिया गया था. इस निर्णय से प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित होने थे. फसल ऋण माफी पर संभावित व्यय 56 हजार करोड़ रुपये अनुमानित था. इसका किसानों को लाभ न मिलने का दावा करते हुए भाजप मध्य प्रदेश भर में इसके लिए आंदोलन भी छेड़ चुकी है.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )