दिवाली पर पटाखे जलाने और पटाखों की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई पटाखा व्यापारियों को बड़ा नुकसान हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन बेरियम के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. कोर्ट के इस फैसले पर पटाखा मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का कहना है कि इस फैसले से त्योहारों के दौरान सिर्फ पटाखे फोड़ना लगभग असंभव जैसा हो जाएगा. इतना ही नहीं इस फैसले से पटाखा इंडस्ट्री के दिवालिया होने की भी आशंका है. इसी के साथ पटाखा इंडस्ट्री के पास 2,000 करोड़ से भी ज्यादा के बैड डेट यानी वसूल न होने वाला कर्ज का एक बड़ा संकट आ जाएगा.
इस मामले में ‘तमिलनाडु फायरवर्क्स एण्ड एमोर्सेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन’ (टीएएनएफएएमए) के जनरल सेक्रेटरी के. मरियप्पन ने बताया, ”दुनिया भर में तमाम जगहों पर पटाखों को तैयार करने में बेरियम नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. यह पटाखों की मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित एक अनिवार्य केमिकल है. पटाखों को तैयार करने के लिए हमारे पास अभी इसका कोई विकल्प नहीं है. अगर इसपर पाबंदी लगाई जाती है तो हम पहले जो अधिकांश पटाखे तैयार कर चुके हैं, वह आखिरकार प्रतिबंधित हो जाएंगे.”
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इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि अगर सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन किया गया, तो पटाखा निर्माण इंडस्ट्री से जुड़े लाखों लोग दिवालिया हो सकते हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बनाने में बेरियम नाम के रसायन के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है, जबकि दीवाली के त्यौहार को देखते हुए पटाखों की बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग हले ही शुरू की जा चुकी है.
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