दर्शन, आध्यात्म और राष्ट्र वंदन की त्रिवेणी है क्षुद्र सरोवर, कविताओं में डूबने का मन करेगा

कविता कवि की गहरी अनुभूतियों का वाह्य रूप होती हैं. नवोदित कवि चन्द्रशँकर सिंह परिहार “अम्बुज” (Poet Ambuj Singh Parihar) की पहली रचना छुद्र सरोवर (Chhudra Sarovar) की कविताएँ राष्ट्र, समाज एवं जीवन के अनेक विषयों को समेटे हुए हैं. सैनिकों के शौर्य पराक्रम तथा सर्वोच्च बलिदान पर मर्मस्पर्शी पंक्तियां हैं.


जहाँ एक ओर गलवान घाटी तथा आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से राष्ट्रीय अस्मिता एवं राष्ट्र प्रेम के दर्शन होते हैं वहीं दूसरी ओर माँ, मेरे बाबा तथा मेरा गाँव आदि के माध्यम से पारिवारिक तानेबाने और सामाजिक पृष्ठभूमि के प्रति सुंदर भाव दिखाई देते हैं.


ग्राम्य जीवन की झलक तथा श्रीरामजन्मभूमि जैसे महत्वपूर्ण विषय पर कविताएं भाव विह्वल और आह्लादित करने वाली हैं. प्राकृतिक सौंदर्य पर सरल सहज कविताएं सुमित्रानंदन पंत के प्रकृति चित्रण का स्मरण कराती हैं. वैश्विक आपदा कोरोना महामारी का प्रकोप तथा लाकडाउन के प्रभाव पर भी कवि ने दृष्टि उकेरी है. इसके साथ ही ग्लोबल वार्मिंग तथा पर्यावरण संकट और संरक्षण पर चिंता व्यक्त की है.


पुरातन काल से चले आ रहे भारत नेपाल संबंध के महात्म्य के साथ त्याग और स्वाभिमान के प्रतीक मेवाड़ मुकुट महाराणा प्रताप पर कविताएं कवि के राष्ट्रवादी दृष्टिकोण के साथ नये तथ्य को सामने रखती हैं. देशज शब्दों गौधुरिया तथा बसिकाल पर लिखी कविताएं प्राकृतिक अनुपम छटा प्रदर्शित करती हैं.


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