दिल्ली में बरसे पीएम मोदी, राजीव गांधी छुट्टियां मनाने के लिए INS विराट का करते थे इस्तेमाल

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को देश का नंबर 1 भ्रष्टाचारी बताने के बाद पीएम मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. पीएम मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राजीव गांधी ने नौसेना के वॉरशिप INS विराट का इस्तेमाल छुट्टियां मनाने के लिए किया था. मोदी ने दावा किया कि इसमें इटली से आए उनके रिश्तेदार भी शामिल हुए थे और आईएनएस विराट का इस्तेमाल टैक्सी की तरह किया गया था.  हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को देश का नंबर 1 भ्रष्टाचारी बताया था.


पीएम के इस बयान पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी नेताओं ने  उनकी निंदा की थी. कई नेताओं ने राजीव गांधी को लेकर दिए गए इस बयान को असम्मानजनक करार दिया था. लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने इस बयान का बचाव करते हुए नजर आए. वहीं मामला तूल पकड़ा और चुनाव आयोग तक पहुंच गया. हालांकि, चुनाव आयोग ने इस मामले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है. जिसके बाद फिर नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हमलावर नजर आए हैं. 


बुधवार को पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि राजीव गांधी ने INS विराट का इस्तेमाल खुद के घूमने-फिरने के लिए किया. पीएम मोदी ने कहा कि राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों में, उनकी ससुराल वाले भी शामिल थे. पीएम ने सवाल किया कि क्या विदेशियों को भारत के वॉरशिप पर ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया गया था? या सिर्फ इसलिए क्योंकि वो राजीव गांधी की ससुराल के लोग थे, इटली से आए थे, उन्हें सारी छूट मिल गई थी.


पीएम मोदी यहीं नहीं रुके. उन्होंने बोफोर्स से लेकर अगुस्ता डील में भ्रष्टाचार का सवाल फिर उठा दिया. मोदी ने कहा, “क्वात्रोची मामा दाम फिक्स करता था. अगुस्ता हेलीकाप्टर वाला मिचेल मामा का स्वागत होता था. भोपाल के विनाशकारी एंडरसन को विदेश भगाया गया. आजकल वहां (जनपथ में) वकीलों का आना-जाना लगा रहता है.”


प्रधानमंत्री ने 1984 के दंगों का भी सवाल उठाया और इशारों में आरोप लगाया कि इससे जुड़े लोगों को मुख्यमंत्री क्यों बनाया गया. मोदी ने कहा, “1984 के दंगों में हुए अन्याय का हिसाब कौन देगा? उससे जुड़े लोगों को मुख्यमंत्री बनाना कौन सा न्याय है? ”


पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश

भारत में चार अलग-अलग तरह की राजनीतिक परम्पराएं रही हैं. पहला- नामपंथी, दूसरा- वामपंथी, तीसरा-दाम और दमन पंथी, चौथा-विकास पंथी. लेकिन दिल्ली देश का इकलौता राज्य है जिसने पॉलिटिकल कल्चर का एक पांचवां मॉडल भी देखा. ये है नाकाम पंथी. यानि जो दिल्ली के विकास से जुड़े हर काम को ना कहते हैं औऱ जो काम करने की कोशिश भी करते हैं, उसमें नाकाम रहते हैं. इन नाकामपंथियों ने, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन को नाकाम किया. देश के सामान्य मानवी की छवि को, आम आदमी की छवि को बदनाम किया. करोड़ों युवाओं के विश्वास और भरोसे को चकनाचूर किया.


इन्होंने देश में नई राजनीति के प्रयासों को भी नामाम किया है. ये लोग देश बदलने आए थे लेकिन खुद ही बदल गए. ये लोग नई व्यवस्था देने आए थे, लेकिन खुद ही अव्यवस्था-अराजकता का दूसरा नाम बन गए. इन लोगों ने पहले हर किसी को अनाप-शनाप कहा और फिर घुटनों के बल चलकर माफी मांग ली. इन लोगों ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए हर बात से यू-टर्न लेने का काम किया. देश की हर संवैधानिक संस्था, हर पद को गाली देकर इन्होंने अपने कुसंस्कार प्रकट किए. पंजाब विरोधियों और खालिस्तान समर्थकों को इन्होंने ताकत दी. यहां तक की विदेश जाकर, देश विरोधी ताकतों से भी संपर्क करने, संपर्क रखने में इन्होंने संकोच नहीं किया.


दिल्ली में केंद्र सरकार और राज्य सरकार, दोनों के अस्पताल हैं. केंद्र सरकार के अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को हर साल 5 लाख रुपए का इलाज सुनिश्चित हुआ है. लेकिन ये सुविधा राज्य सरकार के अस्पताल में गरीब को नहीं मिल रही. क्योंकि दिल्ली में नाकामपंथी राज्य सरकार के तहत आने वाले अस्पतालों में आयुष्मान भारत को लागू नहीं किया गया.


कांग्रेस के नामदार परिवार की चौथी पीढ़ी को आज देश देख रहा है. लेकिन ये वंशवादी प्रवृत्ति सिर्फ एक परिवार तक ही सीमित नहीं रही है. जो इस परिवार के करीबी रहे, उन्होंने भी वंशवाद का झंडा बुलंद रखा. दिल्ली में दीक्षित वंश, हरियाणा में हुड्डा वंश से लेकर भजन लाल जी और बंसी लाल जी तक, सिर्फ वंशवाद की ही सियासत चल रही है. पंजाब में बेअंत सिंह परिवार, राजस्थान में गहलोत और पायलट परिवार, मध्य प्रदेश में सिंधिया, कमलनाथ और दिग्विजय जी वंशवाद का नारा बुलंद कर रहे हैं.


वंशवाद की ये विकृति कांग्रेस के साथ दूसरे महामिलावटी दलों में भी फैली हुई है. जम्मू कश्मीर में अब्दुल्ला वंश और मुफ्ती वंश चल रहा है. यूपी में मुलायम सिंह जी तो बिहार में लालू जी के परिवार के नाम पर ही पार्टियां चल रही हैं. महाराष्ट्र में पवार वंश तो कर्नाटका में देवेगौड़ा जी का वंशवाद फल फूल रहा है. तमिलनाडु में करुणानिधि जी का वंश राजनीतिक धुरी तो आंध्र प्रदेश में नायडू जी भी उसी वंशवाद का झंडा उठाए हुए हैं. जिन पार्टियों की सोच ही प्रतिभा और टैलेंट को कुचलने की हो, वो 21वीं सदी के भारत की सोच का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकती है? इसलिए आज जब मैं इनके वंशवाद पर सवाल खड़े करता हूं, तो इन्हें दिक्कत होने लगती है. .


कांग्रेस आजकल अचानक न्याय की बात करने लगी है। कांग्रेस को बताना पड़ेगा, कि 1984 के सिख दंगों में हुए अन्याय का हिसाब कौन देगा? कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि सिख दंगों से जुड़ा होने का जिन पर आरोप है, उनको मुख्यमंत्री बनाना कौन सा न्याय है. कांग्रेस ने देश के साथ जो अन्याय किया, हम उसे निरंतर कम करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे संतोष है कि तीन दशक बाद पहली बार 84 के सिख दंगों के गुनहगारों के गिरेबान तक कानून पहुंचा है. पहली बार वो सलाखों के पीछे पहुंचे हैं, फांसी के फंदे तक पहुंचे हैं.


देश की रक्षा करने वालों को अपनी जा20गीर कौन समझता रहा है. ये भी मैं आज दिल्ली की धरती से उन लोगों की आंख में आंख मिलाकर देश और दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं. क्या आपने सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाये? आप इस सवाल से हैरान मत होइये, ये हुआ है और हमारे ही देश में हुआ है. कांग्रेस के नामदार परिवार ने आईएनएस विराट का व्यक्तिगत टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया, उसका अपमान किया था. ये बात तब की है जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और 10 दिन की छुट्टियां मनाने निकले थे.


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