देशभर में आज राम नवमी (Ram Navami 2024) की धूम है। वहीं, अयोध्या के राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक (Ram Lalla Surya Tilak) हो गया है। सूर्य की किरणों से रामलला का सूर्याभिषेक किया गया। रामनवमी पर अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है।
ऐसे किया गया रामलला का सूर्य तिलक
मिली जानकारी के अनुसार, प्रोजेक्ट सूर्य तिलक में एक गियर बॉक्स, रिफ्लेक्टिव मिरर व लेंस के जरिए मंदिर के शिखर के पास तीसरी मंजिल से सूर्य किरणों को गर्भगृह तक लाया गया। इसमें सूर्य के पथ बदलने के सिद्धांतों का उपयोग किया गया। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि, शत प्रतिशत सूर्य तिलक रामलला की मूर्ति के माथे पर अभिषेक हुआ।
Ayodhya Ram Navami: अयोध्या में सूर्य की किरणों से रामलला का हुआ सूर्याभिषेक #AyodhyaRamMandir #suryatilak #AyodhyaDham #AyodhaRamMandir pic.twitter.com/Bv0TcbxKd7
— Breaking Tube News (@breakingtube1) April 17, 2024
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को तैयार किया था। इसके डिजाइन को तैयार करने में टीम को पूरे दो साल लग गए थे। 2021 में राम मंदिर के डिजाइन पर काम शुरू हुआ था। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को इस तरह से डिजाइन किया था कि हर साल राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे करीब चार मिनट तक सूर्य की किरणें भगवान राम की प्रतिमा के माथे पर पड़ें।
इस निर्माण कार्य में सीबीआरआई के साथ सूर्य के पथ को लेकर तकनीकी मदद बेंगलूरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) की भी ली गई है। बेंगलूरु की एक कंपनी ऑप्टिका ने लेंस और ब्रास ट्यूब को बनाया है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )