लखनऊ का ऐसा कोतवाल जिसके तबादले से भड़क गई थी जनता, वापसी की मांग को लेकर घेर लिया था थाना, पिछली दीवार पर सीढ़ी लगाकर होना पड़ा रवाना

लखनऊ पुलिस के इतिहास में जांबाज पुलिस अधिकारियों के कई किस्से हैं। इनमें से एक नाम सुरेंद्र सिंह लौर का भी है। उन्होंने किसी भी बदमाश का न ही एनकाउंटर किया और न ही उसकी पिटाई की। अपनी ईमानदारी से सुरेंद्र सिंह लौर ने बड़े-बड़े अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए। रिटायरमेंट के 28 साल बाद भी राजधानी उनके किस्से नहीं भुला पाई है।


कमरे की फर्श पर ही कंबल बिछाकर सो जाते कोतवाल

जानकारी के मुताबिक, ईमानदारी की मिसाल रहे सुरेंद्र सिंह लौर को आज से करीब 28 साल पहले तत्कालीन डीजीपी के आदेश पर राजधानी लखनऊ के सबसे कमाऊ नाका थाने पर पोस्टिंग मिली थी। ऐसा कहा जाता है कि थाने कार्यभार संभालने पहुंचे सुरेंद्र सिंह लौर के पास एक बैग में दो जोड़ी वर्दी, एक पैंट-शर्ट और एक जोड़ी अंडरगार्मेंट्स के साथ गमछा बस था। कोतवाल सुरेंद्र सिंह लौर मेस में खाना खाने के बाद उन्हें अपने कमरे में फर्श पर सरकारी कंबल बिछाकर सोने की खबर से थाने के कर्मचारियों में हलचल मच गई थी।


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जानकार बताते हैं कि सुरेंद्र सिंह लौर एक ब्लेड के दोनों टुकड़ों से तीन बार दाढ़ी बनाकर सिर घोट लेने वाले अफसर की पूरी राजधानी में चर्चाएं शुरू हो गईं थी। उन्होंने सादे कपड़े पहनकर अकेले ही इलाके में पैदल भ्रमण शुरू किया। जिसकी वजह से ठेले-खोम्चे और रिक्शे वाला उनके खबरी बन गए। इलाके में अवैध कारोबार से लेकर अपराधियों की सीधी सूचनाएं मिलते ही धरपकड़ का सिलसिला शुरू हुआ।


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शराब की दुकानें समय पर बंद, अवैध आरामशीनों पर ताले और पुलिस की साठगांठ से काला धंधा करने वाले परेशान हो उठे। सिफारिश न सुनने वाले कोतवाल के तेवर की भनक लगते ही इलाके में वर्चस्व बनाए बड़े अपराधी भूमिगत हो गए।


जब थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे सुरेंद्र सिंह लौर

जानकारी के मुताबिक, कमाऊ थाने के कोतवाल द्वारा हर महीने नजराना पहुंचाने की परंपरा के चलते एक अफसर ने सुरेंद्र सिंह लौर पर भी दबाव बनाया। गनर को भेजकर दो कुंतल गेहूं मंगाया। सुरेंद्र सिंह ने गेहूं के साथ ठेलिया के भाड़े का बिल भी भेज दिया। नाराज अफसर ने परेशान करने को उच्चाधिकारियों से शिकायत की। इससे खफा सुरेंद्र सिंह अपने ही थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे जिसके बाद आला अफसरों ने उन्हें मनाया।


तबादले के वक्त जनता पर हुआ था लाठीचार्ज

मिली जानकारी के मुताबिक, कोतवाल सुरेंद्र सिंह लौर की कार्रवाई से अवैध कारोबार करने वाले व्यापारी, नेता और पुलिसकर्मी परेशान हो गए थे। ऐसे में अपराध पर लगाम लगाए जाने से नागरिक उनसे काफी खुश थे। कोतवाल हर समस्या पर सीधी सुनवाई कर उचित कार्रवाई करते थे।


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बताया जाता है कि जब कोतवाल सुरेंद्र सिंह लौर का तबादला होने की खबर नागरिकों को हुई थी तो उन लोगों ने नाका थाना घेर लिया था। अपने ट्रांसफर के विरोध में उमड़ती भीड़ को देख कोतवला सुरेंद्र सिंह लौर को पिछली दीवार पर सीढ़ी लगाकर रवाना होना पड़ा था। वापसी की मांग को लेकर नागरिकों ने बाजार बंद कराकर प्रदर्शन किया। हालात इतने बिगड़े कि लाठीचार्ज करना पड़ा।


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