वर्ष 2022 का प्रारम्भ कोविड काल की त्रासद स्मृतियों के साथ हुआ था लेकिन शनैः शनैः यह वर्ष नई आकांक्षाओं के साथ नई ऊँचाइयों को छूता गया। आज भारत का जनमानस नये उत्साह, उमंग, ऊर्जा के साथ अपने भविष्य को और अधिक उज्जवल तथा विकासपरक बनाने की ओर अग्रसर होकर गतिशक्ति के साथ चल पड़ा है। आज सम्पूर्ण विश्व भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है।
भारत अपने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विश्व में एक नया स्थान प्राप्त कर रहा है जिनकी वैश्विक लोकप्रियता चरम पर है। आज सम्पूर्ण विश्व के नेता मोदी जी के विचारों को सुनने तथा अपनाने के लिए अधीर हो रहे हैं। यही कारण है कि आज भारत जी- 20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। भारत के लिए जी -20 की अध्यक्षता करना एक सुनहरा अवसर है। भारत जी- 20 देशों की अध्यक्षता करते हुए एक- पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की थीम पर काम करेगा।
2022 में विश्व ने भारत की विदेश नीति का लोहा माना विशेषकर रूस- यूक्रेन युद्ध के समय भारत के हित को सर्वोपरि रखते हुए रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद हो या फिर तेल खरीदने की। यूक्रेन युद्ध के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के कारण ही भारतीय छात्र वहां से सकुशल वापस आ सके। यूक्रेन युद्ध को लेकर एशिया वैश्विक धुरी बना हुआ है।भारत के बिना एशिया की निर्णायक राजनीति असंभव है। क्वाड, यू 212, आईपीईएफ जैसे उभरते संगठन इस बदली हई वास्तविकता के प्रमाण हैं। आज अमृतकाल में भारत के पास दुनिया के सामने रखने के लिए सफलता का अपना मॉडल है। अब जी 20 के सहारे भारत को एक अप्रतिम अवसर प्राप्त हुआ है जिससे वह वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित कर सकेगा और अपनी विकास गाथा भी विश्व को सुना सकेगा।
वर्ष -2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है रक्षा, दूरसंचार ,कृषि सहित तमाम क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत अभियान का प्रभाव स्पष्ट दृष्टिगोचर है। प्रधानमंत्री की स्टार्टअप योजना के कारण नवाचार के क्षेत्र में क्रांति आ चुकी है जिसमें हमारे यहां जहां पहले मात्र पांच हजार स्टार्टअप थे अब उनकी संख्या बढकर 50 हजार तक हो गई हैं। इसी प्रकार दूरसंचार के क्षेत्र में भी क्रांति हुई है जिसमें हम मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में नंबर वन हो गये हैं तथा हमने अपने वैज्ञानिकों के बल पर स्वदेशी 5- जी के युग प्रवेश कर लिया है। शीघ्र ही यह 5-जी तकनीक सम्पूर्ण भारत में उपलब्ध हो जाएगी तथा हर युवा के हाथों 5 जी के लैस स्मार्टफोन होंगे जिससे समाज के हर क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई जा सकेगी। इस नई क्रांति से लोगों के समय में 24 घंटे की बचत होने जा रही है।इसके अतिरिक्त आज भारत का हरित ऊर्जा कार्यक्रम और सफल डिजिटल लेनदेन प्रणाली भी विश्व के आकर्षण का केंद्र बन रही है। आज भारत का युवा अपना व्यापार बढ़ाने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहा है। कृषि सहित तमाम क्षेत्रों के लिए ड्रोन काफी उपयोगी साबित हो रहा है। रेलवे की वंदेभारत ट्रेनें विकास की एक नई कहानी कह रही हैं।
यह वर्ष राजनीति के क्षेत्र में कई अहम पड़ाव लेकर आया जिसमें गुजरात विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक विजय महत्वपूर्ण रही। गुजरात में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने 50 प्रतिशत से भी अधिक मतों के साथ 156 सीटें प्राप्त कर इतिहास रच दिया। वर्ष 2022 की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए। जिसमें चार राज्यों उप्र, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक वापसी हुई जबकि पंजाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने वहां पर सत्तारूढ़ कांग्रेस सहित सभी दलों को परास्त करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार बनकार सभी राजनैतिक विश्लेषकों को हैरान करने सफलता प्राप्त की। वर्ष -2022 में ही उप्र में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनावों में भापजा ने विजय का स्वाद चखा जबकि मैनपुरी लोकसभा उपचुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की सहानुभूति की लहर पर सवार होकर उनकी बहू डिंपल यादव ने विजय हासिल की। इस वर्ष महाराष्ट्र और बिहार में भी सत्ता परिवर्तन देखने को मिला। महाराष्ट्र में और एकनाथ शिंदे व भाजपा गठबंधन की नई सरकार का उदय हुआ जबकि बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी और लालू यादव की राजद के सहयोग से फिर सरकार बनाई।
देश के सबसे पुराने राजनैतिक दल कांग्रेस के लिए यह वर्ष बदलाव और विवादों का रहा।कांग्रेस को मल्लिकार्जुन खगड़े के रूप में जहां नया अध्यक्ष मिला वहीं कांग्रेस के कद्दावर वरिष्ठ नेता गुलाम नवी आजाद सरीखे कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी। कांग्रेस को जहां इस वर्ष पंजाब सरकार से हाथ धोना पड़ा वहीं हिमांचल में उसने खोई हुई जमीन फिर वापस ले ली। दल ले प्रमुख नेता राहुल गांधी आजकल भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हुए हैं जिसका असर आगे दिखाई दे सकता है।
इस वर्ष देश को महामहिम द्रौपदी मुर्मू जी के रूप में पहला आदिवासी समाज से आने वाला राष्ट्रपति प्राप्त हुआ। जबकि बंगाल के पूर्व राज्यपाल और कानूनविद जगदीप धनखड़ देश के उपराष्ट्रपति बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में सांस्कृतिक नव जागरण का अमृतकाल भी चल रहा है। सत्रहवीं शताब्दी के मध्योत्तर काल में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने भारत के प्राचीन तीर्थों और मंदिरों का जीर्णोद्धार कराकर सम्पूर्ण राष्ट्र में एक नयी सांस्कृतिक चेतना जाग्रत कर दी थी। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगभग उसी दिशा में प्रयासरत हैं। चाहे सुदूर उत्तर में केदारनाथ हो या फिर उप्र के अयोध्या, मथुरा, काशी या फिर गुजरात का पावागढ़। झारखंड के बाबा वैद्यनाथ धाम के विकास का अदभुत कार्य भी अनवरत चल रहा है। आज सनातन हिंदू समाज गौरवान्वित अनुभव कर रहा है और नयी सांस्कृतिक चेतना अंगड़ाई ले रही है। जन जन आनंदित है। आनंद का एक पक्ष यह भी है कि हिंदू मंदिरों व स्थलों का पुननिर्माण होने से स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में भी तेजी से सुधार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर को उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर क्षेत्र में बनाए गये श्री महाकाल लोक को भक्तों को समर्पित किया। मंदिरों का विकास होने के कारण भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।
अमृत वर्ष में सम्पूर्ण भारत अपने उन गुमनाम ऐतिहासिक नायकों को भी याद किया जिन्हें तथाकथित इतिहासकारों ने विस्मृत कर दिया था। आरा के वीर राजा कुंवर सिंह से लेकर असम के वीर लछित बरफुकन तक ही नहीं देश के सभी हिस्सों के गुमनाम नायकों को याद किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर अगस्त- 2022 में हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया जिससे देश का वातावरण पूरी तरह से बदल गया था।
2022 में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं जो आगामी भविष्य का स्पष्ट और सुखद संदेश दे रही हैं। जाते जाते दिसम्बर माह में भारत को संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक माह की अस्थायी अध्यक्षता करने का सुअवसर भी प्राप्त हुआ और अब यह संभावना बलवती हो गई है कि आने वाले वर्षां में भारत संयुक्तराष्ट्र महासभा का स्थायी सदस्य भी चुन लिया जाएगा।
( मृत्युंजय दीक्षित, लेखक राजनीतिक जानकार व स्तंभकार हैं.)
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