सीआरसी गोरखपुर में मनाया गया विश्व हीमोफीलिया दिवस

मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। सीआरसी-गोरखपुर में विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया गया। इस अवसर पर बतौर रिसोर्स पर्सन सीआरसी गोरखपुर के फिजियोथैरेपी विभाग के प्रवक्ता डॉ. विजय गुप्ता और गोरखपुर जिला चिकित्सालय ब्लड बैंक के प्रभारी श्री राकेश कुमार मिश्रा ने हीमोफोलिया के बारे में फैली भ्रांतियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि हीमोफीलिया एक रक्त विकार संबंधी रोग है। जिसमें शरीर में कहीं भी कट जाने से खून का वहाव जल्दी से नहीं रुकता नहीं है। मतलब खून का थक्का न जमने की वजह से खून ज्यादा निकलने से मरीज की जान तक चली जाती है। हीमोफीलिया के बचाव के लिए मरीज को जल्दी से नजदीकी अस्पताल पहुंचना चाहिए तथा घबराना नहीं चाहिए। हीमोफीलिया के मरीज को खाने-पीने में पौष्टिक आहार जैसे हरी सब्जी आदि का सेवन करना चाहिए। पुनर्वास सेवाओं में फिजियोथेरेपी हीमोफीलिया मरीज के लिए एक कारगर उपाय है। जागरूकता हीमोफीलिया के लिए बचाव है। जैसा कि हिमोफीलिया में ज्यादातर मामलों में महिलाएं कैरियर की भूमिका निभाती है तो समय से उनकी काउंसलिंग और जांच होना भी आवश्यक है। नैदानिक मनोविज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री राजेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हीमोफीलिया के मरीजों को मनोवैज्ञानिक सहयोग की आवश्यकता होती है। इसलिए हमें उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए ताकि वे समस्या का सामना कर सकें।

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सीआरसी गोरखपुर के निदेशक श्री जितेंद्र यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हीमोफीलिया के मरीजों के लिए रक्त का बहुत महत्व है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी युवाओं से रक्तदान का आह्वान भी किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक श्री मंजेश कुमार ने किया। विशेष शिक्षक श्री अरविंद कुमार पांडे ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में दिव्यांगजन और सीआरसी गोरखपुर के मानव संसाधन विकास के प्रशिक्षु छात्रों सहित सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

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