स्वदेशी कंपनियां TRSL व BHEL बनाएंगी वंदे भारत का स्लीपर कोच, भारतीय रेलवे के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन, 2029 तक 80 ट्रेन के निर्माण का लक्ष्य

देश में वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) को हर रूट पर चलाने के लिए सरकार इसका भव्य तरीके से निर्माण करवा रही है। इसी क्रम में टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) और सरकारी कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने 80 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के निर्माण के लिए भारतीय रेलवे के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है।

2029 तक 80 ट्रेन निर्माण का टारगेट

इन दोनों ही कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड कंसोर्टियम ने 2029 तक 80 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट बनाने के लिए भारतीय रेलवे के साथ अनुबंध किया है।इस अनुबंध का अनुमानित मूल्य 24,000 करोड़ रुपये है।

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टीआरएसएल-बीएचईएल कंसोर्टियम इकलौता आत्मनिर्भर कंसोर्टियम था, जिसने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था। कंपनियों ने कहा कि प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर के प्लान में यह अनुबंध मामूली योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कंनपियों ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन ने लोगों की यात्रा करने के तरीके में क्रांति लाई है और सरकार की मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा बनने पर गर्व है।

वहीं, टीआरएसएल के वाइस चेयरमैन और एमडी उमेश चौधरी ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, 6 साल के अंदर 80 ट्रेन का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और पहला प्रोटोटाइप 2 साल की समय सीमा के अंदर दे दिया जाएगा। वहीं, बाकी के ट्रेन की डिलीवरी तय समय तक हो जाएगी।

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वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की अंतिम असेंबली, परीक्षण और कमीशनिंग भारतीय रेलवे की चेन्नई स्थित सुविधाओं में की जाएगी। इस ट्रेन को इस तरीके से बनाया गया है कि इसकी स्पीड की क्षमता 160 किमी प्रति घंटा पकड़ सके।

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