उत्तर प्रदेश में सोलर संयंत्र लगाने के नाम पर रिश्वत मांगने के मामले की जांच तेज हो गई है। विजिलेंस विभाग ने इन्वेस्ट यूपी (Invest UP) से इस पूरे प्रकरण से जुड़ी विस्तृत जानकारियां मांगी हैं। इसमें यह पूछा गया है कि सोलर संयंत्र स्थापित करने को लेकर अब तक कितनी लिखापढ़ी हुई है और पीड़ित के सम्पर्क में निकांत जैन (Nikant Jain) के अलावा और कौन-कौन लोग थे। साथ ही, इस योजना से जुड़े कई दस्तावेज भी मांगे गए हैं।
विजिलेंस जुटा रही अहम साक्ष्य
विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, आरोपी निकांत जैन से जुड़ी कई जानकारियां पहले ही इकट्ठा की जा चुकी हैं और अब जल्द ही इस मामले में बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे पहले गोमतीनगर थाने में 20 मार्च को इस प्रकरण को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके तहत निकांत जैन को गिरफ्तार भी किया गया था।
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शासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे, जबकि पुलिस मुख्यालय ने अलग से विशेष जांच टीम (एसआईटी) का भी गठन कर दिया था। विजिलेंस इस मामले में आरोप तय करने से पहले तमाम जरूरी तथ्य इकट्ठा कर रही है। कुछ दिन पहले ही विभाग ने निकांत जैन के बैंक खातों की जानकारी लेने के साथ-साथ पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा भी जुटाया था।
ईडी ने भी बढ़ाई जांच की रफ्तार
इस प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सक्रिय हो गया है। ईडी ने निकांत जैन, उसके भाई और परिवार के अन्य करीबी सदस्यों की सम्पत्तियों का विवरण इकट्ठा कर लिया है। ईडी सूत्रों के अनुसार, कई ऐसी सम्पत्तियों की पहचान हुई है, जिनमें निकांत जैन का निवेश है।
लखनऊ के पूर्व डीएम से भी संबंधों की जांच
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के कार्यकाल में निकांत जैन के कई वरिष्ठ अधिकारियों से करीबी संबंध थे। इन अफसरों की सूची भी ईडी द्वारा तैयार कर ली गई है। इसके अलावा मेरठ निवासी एक व्यक्ति, जिसके इस प्रकरण में संबंध बताए जा रहे हैं, उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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