काशी धर्म संसद ने किया अयोध्या में योगी सरकार की सबसे ऊंची राम मूर्ति का विरोध

अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद की धर्मसभा के बाद रविवार को काशी में शुरू हुई परमधर्म 1008 संसद में अब मंदिर वहीं बनाएंगे की गूँज सुनाई दी. सोमवार को धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा हुई. आज सुबह के सत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर साधु-संतों के बीच प्रस्ताव पेश किया गया. वहीं इस दौरान योगी सरकार द्वारा अयोध्या में विश्व की सबसे ऊंची श्री राम प्रतिमा लगाने के फैसले का विरोध किया गया.  धर्म संसद में कहा गया कि खुले में भगवान राम की मूर्ति लगाना उचित नहीं है.

 

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धर्म संसद के दूसरे दिन यानि कि सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा हुई. इसमें साधु-संतों ने सरकार के उस फैसले का विरोध किया जिसमें कहा गया है कि अयोध्या में 221 मीटर ऊंची प्रतिमा लगेगी. धर्म संसद में कहा गया कि भगवान श्रीराम हमारे आराध्य हैं. लगने वाली मूर्ति की पूजा अर्चना नहीं होगी. ऐसे में यह हमारी आस्था के खिलाफ है. धर्म संसद में यह भी कहा गया कि प्रतिमा महापुरुषों की होती. भगवान की प्रतिमा की पूजा होती. हमारी मांग है कि वहां राम मंदिर बने. परम धर्माधीष स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि भगवान की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा होती है. उसके बाद उसकी पूजा अर्चना शुरू की जाती है.

 

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इससे पहले रविवार को काशी के सीर गोवर्धन में धर्म संसद 1008 का शुभारंभ किया गया. पहले सत्र में देशभर में तोड़े जा रहे मंदिरों को बचाने के लिए मंदिर रक्षा विधेयक पारित किया गया. दूसरे सत्र में गंगा और गोरक्षा विधेयक पारित किया गया. धर्म संसद के पहले सत्र का शुभारंभ शारदा एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आदेश पर शुरू हुआ.

 

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