बिकरू कांड में शहीद सिपाही की पत्नी बनी दारोगा, 183 प्रतिभागियों में आई 4th रैंक

उत्तर प्रदेश में पिछले साल हुए बिकरू कांड में कई पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। जिसके बाद सरकार ने शहीदों के परिवार की आर्थिक मदद के लिए सरकारी नौकरी और रुपए देने का ऐलान किया था। इन शहीदों के कई आश्रितों ने जॉब भी ज्वाइन कर ली। आज सिपाही राहुल की पत्नी ने भी दारोगा भर्ती की परीक्षा पास कर ली है। दरोगा पद पर चयन होने की खुशखबरी पाकर दिव्या की आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे।

दो आश्रित कर चुके हैं जॉब ज्वाइन

जानकारी के मुताबिक, कानपुर के बिकरू कांड में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की बेटी को करीब तीन माह पूर्व विभाग में ही ओएसडी पद पर नौकरी दे दी गई थी। सिपाही बबलू कुमार के भाई का भी सिपाही पद के लिए चयन हो गया था। एसआई नेबूलाल, महेश कुमार व सिपाही जितेंद्र पाल के परिजनों ने शासन से समय मांग लिया था। वहीं, शहीद एसआई अनूप सिंह, सिपाही सुल्तान की पत्नियां दौड़ नहीं निकाल सकी थीं। उन्हें शासन और विभाग की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला।

183 कैंडिडेट्स में पाई चौथी रैंक

इसके साथ ही सिपाही राहुल की पत्नी दिव्या ने बीते साल दिसंबर में दौड़ निकालने के बाद लिखित परीक्षा दी थी। शुक्रवार को परिणाम घोषित हुआ, जिसमें वह पास हो गईं। दारोगा बनने की खबर पाते ही उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने अपनी तीन माह की बच्ची को दूर रख कर तैयारी की थी। 2.4 किमी की दौड़ उन्होंने 14 मिनट में निकाल ली थी। मेहनत के बल पर 183 प्रतिभागियों में चौथी रैंक प्राप्त की। सरकार ने किसी तरह की छूट नहीं दी। उन्होंने सफलता का श्रेय पिता राम आसरे व मां कुंतिदेवी को दिया, जिन्होंने उनकी बच्ची को संभाला और राहुल का सपना पूरा करने के लिए प्रेरित किया।

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