मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यही वजह है कि मंगलवार को प्रदेश में 600 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क (ultra mega renewable energy park) की स्थापना के लिए यूपीनेडा और टिहरी हाईड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड के बीच संयुक्त उपक्रम गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
इस पार्क के लिए दोनों के बीच होने वाले मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग, मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन तथा आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के प्रस्ताव को प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट से प्रदेश में करीब 7200 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
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कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश सरकार की सौर ऊर्जा नीति-2017 तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) भारत सरकार की अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क (यूएमआरईपीपी) स्कीम के दिशा-निर्देशों के क्रम में इसके लिए मंजूरी दी है। अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क (ultra mega renewable energy park) की स्थापना के लिये प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम के गठन के लिए हुए एमओयू के अनुसार अधिकृत शेयर कैपिटल 50 करोड़ रुपये की होगी।
इसमें उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) का 26 फीसदी और टीएचडीसीआईएल का इक्विटी अंश 74 फीसदी होगा। यूपीनेडा का इक्विटी के रूप में देय अनुदान 13 करोड़ रुपये होगा। यह यूपीनेडा द्वारा पिछले वर्षों में किए गए कार्यों के सापेक्ष मिले तीन प्रतिशत सेवा चार्जेज से एकत्र निधि से किया जाएगा। यह धनराशि एकमुश्त और आरम्भ में ही संयुक्त उपक्रम के गठन पर होगा। टीएचडीसीआईएल द्वारा शेष 74 प्रतिशत अंश पूंजी के समतुल्य 37 करोड़ रुपये का आरंभिक निवेश संयुक्त उपक्रम में किया जाएगा।
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इसके अतिरिक्त नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क योजना के तहत गठित संयुक्त उपक्रम को पार्क की आंतरिक अवस्थापना के विकास तथा पार्क से निकट पारेषण तंत्र तक कनेक्टीविटी के लिए 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट अथवा परियोजना मूल्य का 30 फीसदी जो भी कम होगा केन्द्रीय वित्तीय सहायता के रूप में दिया जाएगा। प्रारम्भ में संयुक्त उपक्रम द्वारा 600 मेगावाट का सोलर पार्क के विकास का लक्ष्य है।
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अध्ययन के अनुसार सौर ऊर्जा प्लांट की कमिशनिंग के उपरांत प्रति मेगावाट दो व्यक्तियों को स्थायी रोजगार 25 वर्ष की परियोजना जीवनकाल तक मिलेगा। इसके अतिरिक्त सोलर पार्क के विकास और सोलर पावर प्लांट की स्थापना के दौरान 10 व्यक्ति प्रति मेगावाट का अस्थायी रोजगार सृजित होगा। इस प्रकार 600 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर पार्क की कमिशनिंग के फलस्वरूप 1200 व्यक्तियों को स्थायी रोजगार तथा 6000 व्यक्तियों के लिये अस्थाई रोजगार का सृजन होगा।
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