उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teacher Recruitment) में गड़बड़ी मामले में प्रयागराज (Prayagraj) के सोंराव थाने में दर्ज मामले की जांच यूपी एसटीएफ (UP STF) को सौंप दी गई है. मामले में डीजीपी हितेंद्र चंद्र अवस्थी ने एसटीएफ को मामले की जांच सौंपने का आदेश दिया है. पुलिस ने टॉपर समेत 2 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. पुलिस के रडार पर 50 से ज़्यादा सफल अभ्यर्थी हैं. अभ्यर्थियों पर गिरोह को 8 से 10 लाख रुपए देकर भर्ती परीक्षा में पास होने का आरोप है.
दरअसल मामले में आरोपियों के बड़े नेटवर्क को देखते हुए प्रयागराज पुलिस ने प्रदेश सरकार से जांच एजेंसी बदलने की सिफारिश की थी. इसके बाद डीजीपी ने ये निर्णय लिया है. बता दें गिरोह के कई लोगों को गिरफ्तार कर अब तक जेल भेजा जा चुका है. मामले में अब पुलिस का शिकंजा सफल अभ्यर्थियों पर भी कसने लगा है. पुलिस ने टॉपर समेत 2 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. पुलिस के रडार पर 50 से ज़्यादा सफल अभ्यर्थी हैं. अभ्यर्थियों पर गिरोह को 8 से 10 लाख रुपए देकर भर्ती परीक्षा में पास होने का आरोप है.
50 से ज्यादा अभ्यर्थी पुलिस के रडार पर
पुलिस की पूछताछ में अब तक गिरोह ने 50 से ज़्यादा अभ्यर्थियों को पास कराने की बात कबूली है. पुलिस अफसरों को आशंका है कि सैकड़ों अभ्यर्थियों को पैसे लेकर पास कराया गया है. पैसे लेकर भर्तियां कराने में झांसी में तैनात मेडिकल अफसर का अहम रोल रहा है. केएल पटेल नाम का ये मेडिकल आफिसर जिला पंचायत का सदस्य भी रहा चुका है. यही नहीं मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में भी इसका नाम रहा है, ये कई कॉलेजों का संचालक भी बताया जाता है. बताया जा रहा है कि गिरोह का नेटवर्क यूपी के डेढ़ दर्जन से ज़्यादा जिलों में फैला हुआ है.
परीक्षा के बाद से उठने लगे थे सवाल
बता दें कि 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने परिणाम आने के बाद से ही धांधली का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि फूलपुर, सोरांव, बहरिया आदि क्षेत्रों के अभ्यर्थियों ने सबसे ज्यादा अंक पाए हैं. आरोप था कि लगभग 34 अभ्यर्थियों ने 140 नंबर पाए जबकि टीईटी के दौरान 70 से 80 अंक थे. आरोप लगाया था कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. कृष्ण लाल पटेल ने अपने करीबियों को फर्जीवाड़ा करके ज्यादा नंबर दिलाए हैं. इसमें पेपर आउट से लेकर कई तरह की सेटिंग का आरोप लगाया था.
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