मोदी सरकार और RBI के फैसलों से दौड़ेगी अर्थव्यवस्था, 2021-22 में 9.5 फीसद होगी विकास दर

मौजूदा वित्त वर्ष में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है। लेकिन अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत मिले हैं। फिच रेटिंग एजेंसी (Fitch rating agency) के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.5 फीसद की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। एजेंसी ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर यह बात कही है।


रेटिंग एजेंसी ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 फीसद की दर से सिकुड़ने के अनमान भी लगाया है। फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासदर पर काफी असर डाला है। सरकार पर भारी कर्ज के चलते कई चुनौतियां भी पैदा हुई हैं।


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एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद देश की जीडीपी ग्रोथ रेट फिर से अच्छी होने की उम्मीद है। भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अगले वित्त वर्ष में उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.5 फीसद की दर से ग्रोथ करने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ ‘बीबीबी’ श्रेणी से ज्यादा होगी।


भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन लागू किया गया था। इसके चलते देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इस बीच अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो बार ब्याज दरों में कटौती की।


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साथ ही लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन के जरिए लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय किए गए। बैंकों और एनबीएफसी में तरलता बढ़ाने के लिए अलग से विशेष प्रावधान किए गए हैं। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया है। हालांकि, अब कई सारी ढील दिये जाने से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं।


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