अलीगढ़: CM योगी के टीकाकरण अभियान को पलीता लगाते पकड़ी गईं ANM निहा खान, सिर्फ सुई चुभाकर कूड़ेदान में फेंक देती थीं वैक्सीन, डॉ. आरफीन ने दबाया मामला

एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश की जनता को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। प्रदेश के लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाने के लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश के ही अलीगढ़ (Aligarh) जिले में एएनएम निहा खान (ANM Niha Khan) द्वारा लोडेड वैक्सीन की सिरिंज कूड़ेदान में डालकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में चिकित्साधिकारी डॉ. आरफीन को भी दोषी माना गया है क्योंकि उन्होंने इस कृत्य के तथ्यों को छिपाने का काम किया है।


दूसरी एएनम ने टोका तो उसी पर लगाने लगी आरोप


यह पूरा मामला जमालपुर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां कोरोना की वैक्सीन लगवाने आए लोगों की जान के साथ एएनएम निहा खान खिलवाड़ कर रही थीं। विपक्षी पार्टियां लोगों का वैक्सीनेशन न करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार लगातार हमला है। वहीं, एएनएम निहा खान कोविड वैक्सीन (कोवाक्सिन) से लोडेड सिरिंज को कूड़ेदान में डालने और मरीजों को खाली सिरिंज चुभाकर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रही थीं।


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एएनएम निहा खान लोगों के हाथ में सुई तो चुभाती थी, लेकिन वैक्सीन की डोज उनके शरीर में नहीं पहुंच रही थी। सुई चुभाने के बाद लोडेड सिरिंज कूड़ेदान में फेंक दे रही थीं। इस बात को लेकर जब स्टाफ ने उनसे कुछ कहा तो उन्होंने कहा कि मेरा मूड खराब है और इसके बाद वहां से हट गईं। इस तरह वहां 29 लोडेड सिरिंज कूड़ेदान में मिली हैं।


एएनएम निहा खान के साथ स्टाफ की दूसरी एएनएम अनु ने बताया कि वहां वैक्सीनेशन हो रहा था, मैं रजिस्टर पर एंट्री करवा रही थी। उस समय वह टीका लगा रही थी। इस दौरान एक पेशेंट ने उनको टोका कि आप क्या कर रही हैं। यह कैसे आप टीका लगा रहे हैं और उसने दोबारा लगवाया। मैंने देखा तो निहा से कहा कि तुम सही नहीं कर रही हो तो उसने कहा कि मुझे टेंशन है। अनु के मुताबिक, केंद्र पर 10 से 12 लोग का स्टाफ है। वहां मैं भी थी और अन्य लोग भी थे। यह तो वही जाने कि वह क्या सोचकर यह कर रही थी। जब हमने उसको इस बारे में बताया तो वह उल्टा ही हमारे ऊपर आरोप लगाने लगे।


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मामले पर अपनी सफाई देते हुए एएनएम नेहा खान ने बताया कि मैं 10:15 बजे ड्यूटी करने आई थी। मैंने 10 से 15 वैक्सीनेशन किए थे और उसके बाद में कंप्यूटर पर बैठ गई। 3 बजे खाना खाने चली गई और जब मैं लौटकर तब तक कोई बात नहीं थी। इसके बाद मैं 4:30 बजे घर चली गई तो उसके बाद 6:30 बजे खबर मेरे पास आई कि ऐसे ऐसे हुआ है। कूड़े में सिरिंज मिली है। मेरे द्वारा 15 लोगों को टीकाकरण किया गया था। मेरे साथ षड्यंत्र रचा जा रहा है।


प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आरफीन ने छिपाए तथ्य


जानकारी के अनुसार, लाभार्थियों का नाम कोविन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया। इस केंद्र पर 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को टीका लग रहा था। कहा जा रहा है कि उनकी मंशा थी कि लोगों को वैक्सीन न लगे ताकि देश में कोरोना संक्रमण फैलता रहे। इस मामले में यूपीएचसी की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आरफीन मामले को दबाने और तथ्यों को छिपाने की दोषी पाई गई हैं। उन्होंने दोषी एएनएम निहा खान के खिलाफ न तो कार्रवाई की और न ही विभाग को उनके इस कृत्य की सूचना दी।


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जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में शुक्रवार को लोडेड सिरिंज कूड़ेदान में फेंकने के मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट रखी गई। डीएचसी ने संविदा पर तैनात दोषी एएनएम निहा खान की सेवा समाप्ति को हरी झंडी दे दी है। वहीं, चिकित्साधिकारी डॉ. आरफीन को जमालपुर यूपीएचसी से हटाकर मूल तैनाती स्थल हरदुआगंज में भेजा जा सकता है।


मामले में सीएमओ डॉ. बीपी सिंह कल्याणी ने बताया कि जिलाधिकारी ने निहा खान के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।


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