5 राज्यों में 2 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह NOTA को माना जा रहा है. पाँचों राज्यों में भारी संख्या में मतदाताओं ने किसी भी पार्टी को वोट नहीं देकर NOTA का बटन दबाया है. मध्य प्रदेश और राजस्थान में तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच वोटों का जितना अंतर है उससे ज्यादा वोट तो NOTA में डाले जा चुके हैं. सभी पाचों राज्यों में NOTA के तहत डाले गए वोटों की संख्या 12 लाख के भी पार पहुंच गई है.
चुनाव आयोग के मुताबिक 5.50 बजे तक मध्य प्रदेश में NOTA के तहत 1.5 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 2.1 प्रतिशत, राजस्थान में 1.3 प्रतिशत, तेलंगाना में 1.1 प्रतिशत और मिजोरम में 0.5 प्रतिशत वोट NOTA को गए हैं. वोटों की गिनती के हिसाब से देखें तो मध्य प्रदेश में 5.50 बजे तक 4.15 लाख से ज्यादा, छत्तीसगढ़ में 1.78 लाख से ज्यादा, राजस्थान में 4.38 लाख से अधिक, तेलंगाना में 2.03 लाख से ज्यादा और मिजोरम में 2917 वोट NOTA को गए हैं.
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शाम 6 बजे तक यह है NOTA की स्थिति
प्रदेश वोट फीसदी वोट
राजस्थान 1.3 438441
मध्य प्रदेश 1.5 415342
छत्तीसगढ़ 2.1 178962
तेलंगाना 1.1 203112
मिजोरम 0.4 2917
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मतदाताओं की नाराजगी तो नहीं
चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि राम मंदिर और SC/ST ACT जैसे मुद्दों के कारण बीजेपी का जो कोर वोट बैंक है उसने बीजेपी को वोट न देकर नोटा के पक्ष में वोट डाला है. इससे स्पष्ट है कि मतदाताओं का रुख भाजपा और कांग्रेस में से किसी को भी जिताने का नहीं था.
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