एक बार फिर नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, पिता बोले- ‘मैंने कहा था चोट हो तो मत खेलना, बेटे ने कहा- देश के लिए हर दर्द सहन’

 

नीरज चोपड़ा आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वो अपने देश का नाम लगातार रोशन कर रहे हैं। एक बार फिर भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। नीरज चोपड़ा लुसाने डायमंड लीग 2022 जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। नीरज चोपड़ा ने 89.08 मीटर के अपने पहले थ्रो के साथ लुसाने डायमंड लीग जीती है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। नीरज चोपड़ा के पिता ने भी मीडिया से बात करते हुए नीरज की मेहनत के बारे में बताया।

पिता ने दी जानकारी

जानकारी के मुताबिक, ओलिंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया और वह डायमंड लीग मीट के लुसाने चरण का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। इसी के साथ वह सात और आठ सितंबर को ज्यूरिख में डायमंड लीग के फाइनल में भी पहुंच गए हैं। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय है। इसके साथ ही उन्होंने हंगरी के बुडापेस्ट में 2023 में होने वाले विश्व चैम्पियनशिप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है।

इस जीत के बाद नीरज चोपड़ा के पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि नीरज की उपलब्धि में पूरे देशवासियों की दुआएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नीरज ने शुक्रवार रात को हुई गेम में भाग लिया। इससे पहले जो मुकाबला हुआ था, उसमें उसे चोट लग गई थी। जिस कारण उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम में भाग नहीं लिया था। डायमंड लीग में डॉक्टरों की सलाह से ही भाग लिया था।

डॉक्टरों की सलाह के बाद लिया था भाग

मैच से पहले नीरज से फोन पर बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया था कि अब वे दर्द से काफी हद तक उभर चुके हैं। चोट में काफी आराम है। मैं खेल सकता हूं। इसके बावजूद पिता ने कहा था कि वह डॉक्टरों की सलाह से और अपनी फेडरेशन के पदाधिकारियों की सलाह के अनुसार ही गेम खेलने और न खेलने का फैसला लें।

क्योंकि ऐसा न हो कि जल्दबाजी में भविष्य भर का कैरियर खराब हो जाए। गेम में बने रहे, यह बहुत जरुरी है। हार-जीत तो गेम का हिस्सा है। वहीं, एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पिछली गेम के दौरान हुई चोट और इस गेम के बीच उन्हें करीब 20 दिन का समय तैयारी के लिए मिल गया था।

डॉक्टरों ने भी गेम खेलने की हरी झंडी दी थी। जिस कारण नीरज ने इस गेम में हिस्सा लिया और एक नया इतिहास रच दिया। नीरज का आगे का टारगेट कम से कम दो और ओलिंपिक खेलने के है। वह इन दोनों ओलिंपिक में भी देश का राष्ट्रगान बजता सुनना चाहते हैं। जिसके लिए वे पूरी जी जान से जुटे हुए हैं। नीरज के सितंबर आखिर तक भारत वापस लौटने की उम्मीद है। आगे 7-8 सितंबर को वर्ल्ड चैंपियनशिप होगी। जिसमें भी नीरज खेलेंगे।

चोट की वजह से ही कॉमनवेल्थ में नहीं लिया था हिस्सा

बता दें कि नीरज चोपड़ा को वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में चोट लगी थी। वे अपनी जांघ पर पट्टी लपेटते भी नजर आए थे। तब भी उन्होंने 88.13 मीटर दूर जैवलिन फेंककर सिल्वर मेडल जीता था। वर्ल्ड एथलेटिक्स इवेंट के बाद नीरज चोपड़ा का MRI स्कैन हुआ था, जिसमें ग्रोइन इंजरी की बात पता लगी। ऐसे में नीरज चोपड़ा को एक महीने के आराम की सलाह दी गई। इसके चलते वे कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाए थे।

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