गोरखपुर: पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और हरित वातावरण बनाने के उद्देश्य से *जिला कारागार गोरखपुर* में बुधवार को विशाल पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 101 पौधे लगाए गए, जिससे जेल परिसर हरियाली से भर सके और कैदियों को स्वच्छ व शुद्ध वातावरण मिल सके।
अपर जनपद न्यायाधीश ने किया पौधारोपण का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, विकास सिंह ने पौधा लगाकर की। उन्होंने पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वृक्षारोपण न सिर्फ ऑक्सीजन का स्रोत है, बल्कि यह जल संरक्षण और जलवायु संतुलन में भी अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक पौधे लगाएं और उनकी देखभाल भी करें।
जेल प्रशासन और सामाजिक संगठन की भागीदारी
इस अवसर पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पाण्डेय, जेलर अरुण कुमार कुशवाहा सहित मैत्री चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य भी उपस्थित रहे। उन्होंने जेल परिसर में पौधारोपण अभियान को सराहा और कहा कि यह पहल कैदियों में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ जेल परिसर को हरियाली से भरने में मददगार साबित होगी।
कैदियों को दी गई जागरूकता
कार्यक्रम के दौरान कैदियों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। जेल प्रशासन ने कैदियों को जिम्मेदारी सौंपी कि वे लगाए गए पौधों की देखभाल करें और उन्हें बढ़ने में मदद करें। इससे न केवल जेल परिसर हरा-भरा रहेगा, बल्कि कैदियों में भी प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी।
हरियाली से बदलेगा जेल परिसर का माहौल
वरिष्ठ जेल अधीक्षक *दिलीप कुमार पाण्डेय* ने कहा कि जेल में बंद कैदियों को सुधारने के लिए उन्हें सकारात्मक वातावरण देना जरूरी है। उन्होंने बताया कि पौधारोपण से न सिर्फ जेल परिसर सुंदर बनेगा बल्कि वहां रहने वालों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
समाज में जागरूकता बढ़ाने का संकल्प
मैत्री चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे आगे भी इस तरह के अभियानों में सहयोग करेंगे और समाज में वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करेंगे। ट्रस्ट ने जेल प्रशासन को पौधों की देखभाल में सहायता देने का आश्वासन दिया।
संरक्षण की ली गई शपथ
अंत में सभी ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली और यह संकल्प लिया कि न सिर्फ जेल परिसर बल्कि अपने आस-पास भी अधिक से अधिक पौधे लगाएंगे और उनकी देखभाल करेंगे।
इस पहल से जेल परिसर हरियाली से भरा रहेगा और वहां रहने वालों को शुद्ध हवा मिलेगी, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।