अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ये फैसला लिया है कि वह भारत का नाम उन देशों की सूची से बाहर कर देंगे, जो सामान्य कर-मुक्त प्रावधानों (जीएसपी) कार्यक्रम का लाभ उठा रहे हैं. यह लाभ उन उत्पादों पर उठाया जाता है जिनका निर्यात अमेरिका को किया जाता है. अमेरिका के कानून के अनुसार ये बदलाव अधिसूचना जारी होने के दो महीने बाद से लागू हो जाएगा. इस सूची में शामिल देशों को विशेष तरजीह दी जाती है.
अमेरिका सूची में शामिल देशों से एक तय राशि के आयात पर शुल्क नहीं लेता. ट्रंप का कहना है कि उन्होंने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि भारत अब वैधानिक पात्रता मानदंडों का पालन नहीं कर रहा है. जीएसपी प्रोग्राम साल 1970 को शुरू हुआ था, तभी से भारत इसका लाभ उठा रहा है. भारत इसका सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है. इस फैसले का भारत पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा.
अमेरिका ने दी की दलील
ट्रम्प का कहना है कि उन्हें भारत से यह भरोसा नहीं मिल पाया है कि वह अपने बाजार में अमेरिकी उत्पादों को बराबर की छूट देगा. अमेरिका का कहना है कि भारत में पाबंदियों की वजह से उसे व्यापारिक नुकसान हो रहा है. वह जीएसपी के मापदंड पूरे करने में नाकाम रहा है. अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में जीएसपी के लिए तय शर्तों की समीक्षा शुरू की थी.
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क्या है जीएसपी?
जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस यानी जीएसपी अमेरिकी ट्रेड प्रोग्राम है जिसके तहत अमेरिका विकासशील देशों में आर्थिक तरक्की के लिए अपने यहां बिना टैक्स सामानों का आयात करता है. अमेरिका ने दुनिया के 129 देशों को यह सुविधा दी है जहां से 4800 प्रोडक्ट का आयात होता है. अमेरिका ने ट्रेड एक्ट 1974 के तहत 1 जनवरी 1976 को जीएसपी का गठन किया था.
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भारत पर इसका क्या असर होगा ?
अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम के लाभार्थी विकासशील देशों के उत्पादों पर यूएस में कोई आयात शुल्क नहीं लगता. इसके तहत भारत को 5.6 अरब डॉलर (40,000 करोड़ रुपए) के एक्सपोर्ट पर छूट मिलती है. जीएसपी से बाहर होने पर भारत को यह फायदा नहीं मिलेगा. भारत जीएसपी का सबसे बड़ा लाभार्थी देश है.
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भारत ने कहा- ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा
वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा है कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते मजबूत हैं. व्यापार से जुड़े मुद्दों पर हम वार्ता कर रहे हैं. लेकिन मेडिकल उपकरणों के मामले में समझौता नहीं करेंगे. जीएसपी के फायदों का आर्थिक मूल्य बहुत ज्यादा नहीं है.अमेरिका से बातचीत जारी रखेंगे.
पिछले हफ्ते दी थी धमकी
बता दें कि शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को धमकी देते हुए कहा था कि भारत बहुत अधिक शुल्क लगाने वाला देश है. उन्होंने कहा कि वह पारस्परिक बराबर कर या फिर कम से कम एक मामूली कर चाहते हैं. इस दौरान ट्रंप ने अमेरिका की हर्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल का उदाहरण देते हुए कहा था, ‘‘जब हम भारत को मोटरसाइकिल भेजते हैं तो उस पर वहां 100 प्रतिशत का शुल्क लगाया जाता है. वे हमसे 100 प्रतिशत शुल्क लेते हैं लेकिन जब भारत हमें मोटरसाइकिल भेजता है तब हम उनसे कुछ भी शुल्क नहीं लेते हैं.”
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