उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने पार्टी अनुशासन के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए रामपुर के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र सागर (Surendra Sagar) को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सुरेंद्र सागर पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे अंकुर सागर की शादी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक त्रिभुवन दत्त (MLA Tribhuvan Dutt) की बेटी से की।
पार्टी से निष्कासन का आदेश
मायावती ने सुरेंद्र सागर के अलावा रामपुर के जिला अध्यक्ष प्रमोद सागर को भी पद से हटा दिया है। उनकी जगह ज्ञान प्रकाश बौद्ध को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी ने इस कदम को अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी बताया है।
Also Read: सच में ‘समंदर’ बनकर लौटे फडणवीस, जानिए 2014 की तुलना में क्यों खास रही उनकी यह शपथ
सुरेंद्र सागर का पक्ष
सुरेंद्र सागर, जो बरेली मंडल में बसपा के बड़े नेता माने जाते हैं और मिलक विधानसभा क्षेत्र से 2022 में चुनाव लड़ चुके हैं, ने कहा कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की है। उनका कहना है कि यह फैसला उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा था और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था।
मुनकाद अली के बेटे की शादी का मामला
यह पहला मौका नहीं है जब बसपा ने ऐसी कार्रवाई की हो। नवंबर 2023 में पूर्व मंडल प्रधान प्रभारी प्रशांत गौतम को भी पार्टी से निकाला गया था। यह कार्रवाई मुनकाद अली के बेटे की शादी में शामिल होने के कारण हुई थी। मुनकाद अली की बेटी, पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू हैं, जो सपा के टिकट पर मीरापुर उपचुनाव लड़ चुकी हैं।
बसपा का रुख स्पष्ट
बसपा का कहना है कि पार्टी किसी भी नेता को विरोधी दलों के नेताओं या उनके आयोजनों में शामिल होने की अनुमति नहीं देती। यह पार्टी अनुशासन का उल्लंघन माना जाता है। मुनकाद अली के बेटे की शादी में बसपा नेताओं को शामिल न होने की सख्त हिदायत दी गई थी। यहां तक कि उस समय एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें बसपा नेता मेवालाल गौतम ने नेताओं से शादी में न जाने की अपील की थी।
Also Read: ‘तीनों का DNA एक…’, बाबर, संभल हिंसा और बांग्लादेश का जिक्र कर CM योगी ने दमभर सुनाया
मायावती का सख्त संदेश
मायावती ने इस घटना के जरिए यह साफ कर दिया है कि पार्टी किसी भी तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी। चाहे व्यक्तिगत रिश्ते हों या राजनीतिक मेलजोल, बसपा का रुख पार्टी अनुशासन को प्राथमिकता देने का है।