जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में 22 अप्रैल को हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। इसी क्रम में लंदन में मौजूद भारतीय समुदाय के लोग भी सड़कों पर उतर आए। भारतीय छात्र और प्रवासी भारतीयों ने लंदन स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर आतंकवाद के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। लेकिन प्रदर्शन देखकर पाकिस्तान की तरफ से असंवेदनशील प्रतिक्रिया देखने को मिली। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पाकिस्तान उच्चायोग के डिफेंस अताशे ने विरोध कर रहे लोगों की ओर इशारा करते हुए ‘गला काटने’ जैसा हिंसक संकेत दिया। इसके साथ ही उन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर दिखाते हुए उकसाने की कोशिश की।
These m0therfukers are Pakistani diplomats at the Pakistani Embassy in London! They are doing gestures of cutting throats!!! These people aren’t human they’re Satanic! When they wonder why the world causes them terrorist state! pic.twitter.com/No3eUq1oZ5
— JIX5A (@JIX5A) April 25, 2025
‘पाकिस्तान आतंकवाद को शह देता है’ – प्रदर्शनकारियों का आरोप
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां और भारतीय झंडे लेकर ‘भारत माता की जय’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। कई पोस्टरों पर “मैं हिन्दू हूं” लिखा हुआ था। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है और भारत में हमलों को अंजाम देने वालों की मदद करता है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारे 26 लोगों की हत्या पाकिस्तान की छत्रछाया में पले आतंकियों ने की है। अब हम चुप नहीं बैठेंगे।”
Hindus and Iranians outside the Pakistani embassy in London! #PahalgamTerroristAttack | #Pahalgam pic.twitter.com/Jntf8ZkDb0
— Annamalai Overseas Supporters (AOS) (@Tamils_UK) April 26, 2025
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हमास से तुलना
इस प्रदर्शन में भारतीय-यहूदी समुदाय के लोग भी शामिल हुए। एक यहूदी प्रदर्शनकारी ने कहा, “भारत और इजरायल दोनों ही कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के शिकार हैं। पहलगाम हमला वैसा ही था, जैसा हमास ने इजरायल में किया था।”
पहलगाम हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई गईं। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 25 हिंदू पुरुष थे। कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। यह हमला न केवल भारत के भीतर बल्कि दुनियाभर में भारतीय समुदाय के लिए गहरा सदमा बन गया है।