भारतीय जनता पार्टी (BJP ) के सांसद गुलाम अली खटाना (MP Ghulam Ali Khatana) ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए उस पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक तरफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भीख मांगता है, तो दूसरी ओर आतंकवाद को बढ़ावा देता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा और आतंकवाद से सख्ती से निपटना जानता है।
भारत को किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं
लंदन के इंडिया हाउस में भारतीय प्रवासियों से बातचीत करते हुए खटाना ने कहा कि भारत को कश्मीर या आतंकवाद जैसे मुद्दों पर किसी बाहरी देश की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा,’हम लड़ाई लड़ना जानते हैं-हे वह कूटनीतिक हो, सैन्य हो या सोशल मीडिया पर। भारत की जनता और सेना दोनों इसके लिए तैयार हैं।’
अनुच्छेद 370 के हटने से पाकिस्तान बेचैन
खटाना ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लोकतांत्रिक भागीदारी बढ़ी है, जिससे पाकिस्तान को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि अब वहां चुनाव हो रहे हैं, लोग वोट देने के लिए आगे आ रहे हैं, पर्यटन और बुनियादी ढांचा विकास की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं को अब अधिक अधिकार मिल रहे हैं, जिससे एक नई सामाजिक चेतना विकसित हो रही है।
पानी दिया, बदले में मिला आतंकवाद
खटाना ने पाकिस्तान के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें वह कहता है कि भारत ने उसका पानी रोक दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को अपनी नदियों का 80% पानी दिया, लेकिन बदले में घुसपैठ, आतंकवाद और ड्रग्स मिली। यह स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान भारत को अस्थिर करने की साजिशों से पीछे नहीं हट रहा है।
तीन दशक से जारी साजिशें
खटाना ने बताया कि पिछले 30 वर्षों में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद ने हजारों जिंदगियां छीन लीं। उन्होंने कहा कि इस हिंसा ने कई परिवार उजाड़ दिए, कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर किया गया, और भारत की सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाया गया।
फासीवादी आतंकवाद का चेहरा है पाकिस्तान: एमजे अकबर
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने ब्रिटेन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की विचारधारा पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का गठन किसी लोकतांत्रिक आंदोलन के जरिए नहीं, बल्कि 1946 के कलकत्ता दंगों जैसी हिंसक घटनाओं के बाद हुआ था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 1971 के ढाका नरसंहार के बाद भी पाकिस्तान अपनी हिंसात्मक नीति से पीछे नहीं हटा है।
‘आधुनिक आतंकवाद की शुरुआत पाकिस्तान से’
एमजे अकबर ने याद दिलाया कि 22 अक्तूबर 1947 को जब पाकिस्तान ने कश्मीर में घुसपैठ करवाई, तो वही आधुनिक आतंकवाद की शुरुआत थी। उन्होंने कहा कि उस समय महात्मा गांधी जीवित थे और उन्होंने इसे अहिंसा से नहीं, बल्कि सेना और राज्य की ताकत से जवाब देने की बात कही थी।
‘भारत का संकल्प अटूट है’
अकबर ने कहा कि भारत अब पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा, ‘हमारा संदेश स्पष्ट है—हम आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से खड़े हैं और भारत अपने इसी संकल्प और एकता के साथ भविष्य की ओर बढ़ेगा।’ उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक आतंकवाद से मुकाबला करने में कभी पीछे नहीं हटेंगे, और यही भारत की असली ताकत है।