दिल्ली (Delhi) से भोपाल (Bhopal) जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) में एक अप्रिय घटना सामने आई है। ट्रेन के एग्जीक्यूटिव क्लास कोच (ई-2) में यात्रा कर रहे एक यात्री राज प्रकाश (Raj Prakash) के साथ झांसी स्टेशन पर मारपीट की गई। आरोप है कि यह हमला बबीना से भाजपा विधायक राजीव सिंह पारीछा (Rajiv Singh Paricha, Babina BJP MLA) के इशारे पर हुआ क्योंकि पीड़ित ने सीट बदलने से मना कर दिया था।
विधायक के साथ यात्रा कर रहे थे परिवार के सदस्य
घटना के समय विधायक राजीव सिंह पारीछा अपनी पत्नी कमली सिंह (सीट नंबर 50) और बेटे श्रेयांश सिंह (सीट नंबर 51) के साथ ट्रेन के उसी कोच में सीट नंबर 8 पर यात्रा कर रहे थे। विवाद सीट नंबर 49 पर बैठे यात्री राज प्रकाश से हुआ, जब कथित तौर पर विधायक उनसे सीट बदलने की मांग कर रहे थे।
झांसी स्टेशन पर अचानक हुआ हमला
जैसे ही ट्रेन झांसी स्टेशन पर पहुंची, आधा दर्जन लोग अचानक कोच में दाखिल हुए और राज प्रकाश पर हमला बोल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पीड़ित यात्री के नाक, मुंह और कान से खून निकलने लगा। इससे पहले कि कोई हस्तक्षेप कर पाता, ट्रेन सिग्नल मिलते ही भोपाल के लिए रवाना हो गई।
कांग्रेस नेताओं ने उठाए सवाल, की जांच की मांग
इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा विधायक पर तीखा हमला बोला है। पूर्व विधायक मुकेश नायक और पूर्व मंत्री रामनिवास रावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर यात्री की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने इसे “सुशासन की असलियत” बताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
विधायक ने दी सफाई
दूसरी ओर, विधायक राजीव सिंह पारीछा ने आरोपों को खारिज करते हुए खुद भी झांसी जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई है। उनका दावा है कि पीड़ित यात्री और एक अन्य व्यक्ति अनुचित ढंग से बैठकर यात्रा कर रहे थे, जिससे असुविधा हो रही थी। जब उन्होंने विनम्रता से बैठने का आग्रह किया, तो यात्री ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। विधायक के अनुसार, उन्होंने टकराव से बचने की कोशिश की लेकिन स्टेशन पर उनके सहयोगियों के पहुंचने पर माहौल तनावपूर्ण हो गया।
दोनों पक्षों की ओर से दर्ज हुई एफआईआर
वर्तमान में झांसी जीआरपी ने दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है। विधायक की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 115 (2) और 352 के तहत मामला दर्ज किया गया है। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं, हालांकि अब तक कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने बयान देने को तैयार नहीं है।इस पूरे घटनाक्रम ने वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि इस तरह की ट्रेनों में भी कानून व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल हो जाए, तो आम ट्रेनों की हालत का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।