मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। आज अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में छात्र क्रियाकलाप परिषद मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा एक समारोह का आयोजन आर्यभट्ट सभा कक्ष मे किया गया।
जिसके मुख्य अतिथि वरिष्ठ आचार्य एवं अधिष्ठाता संकाय मामले प्रोफेसर यू.सी. जायसवाल रहे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी, छात्र क्रिया कलाप परिषद के उपाध्यक्ष डॉ राजन मिश्र, मुख्य वक्ता डॉ मिलिंद राज आनंद,सह अधिष्ठाता विस्तार क्षेत्र गतिविधियां एवं पुरातन छात्र संबंध डॉ अवधेश कुमार, प्रो. विट्ठल गोले सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें। कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता साक्षी तिवारी एवं सूर्यांश श्रीवास्तव रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत-रत्न डॉ भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पार्पण एवं दीप प्रज्वलन तदोपरांत विश्विद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ । तद्पश्चात सभी अतिथियो को शॉल एवं गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए छात्र क्रिया कलाप परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. राजन मिश्र ने उपस्थित समस्त अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत संबोधन किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर एक व्यक्ति नही अपितु एक विचारधारा एवं ज्योति स्तंभ थे जो युगों युगों तक सामाजिक न्याय और समानता के पथ पर हमारा मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे। पश्चात डॉ भीम राव आम्बेडकर से प्रेरित एक प्रेरणादायक चलचित्र चलाया गया जिसमें डॉ भीम राव आम्बेडकर जी के स्वयं के शब्दों में संबोधन था जो उनके संघर्ष और योगदान को दर्शाता है।इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ मिलिंद राज आनंद ने उपस्थित श्रोतागणों को अपने विचारों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर आन्दोलन पर बुद्ध, रैदास, कबीर, नानक की विचारधारा का प्रभाव एवं उससे उपजे ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, शाहूजी महाराज की प्रेरणा का संदर्भ लेते हुए वर्तमान परिदृश्य में सामाजिक एवं राजनैतिक शैक्षणिक चिंतन पर उसके प्रभाव के बारे में वक्तव्य दिया।
साथ ही उन्होंने बाबा साहब के आदर्शों, संधर्षों एवं चिंतन पर विमर्ष करते हुये प्रतिनिधित्वकारी राष्ट्र की परिकल्पना एवं नागरिकों के अधिकारों पर बाबा साहब के विचारों की चर्चा भी करी। युवाओं से डॉ. मिलिन्द राज आनन्द ने बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन से प्रेरणा लेते हुये ‘पे बैक टू सोसाइटी‘ को अपनाते हुये समाज में अपने योगदान को सुनिश्चित करने की सलाह भी दी।
तत्पश्चात श्रोताओं के बीच से अपने विचार साक्षा करने हेतु प्रो.विट्ठल गोले ने डॉ. अंबेडकर द्वारा अर्थशास्त्र के क्षेत्र में किए गए योगदान पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ पी.के. भारती ने अपने प्रेरणादायक शब्दों से सभा को संबोधित किया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी ने डॉ. अंबेडकर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने महिलाओं एवं श्रमिकों की दशा में सुधार के लिए अनेक कदम उठाए।यह उन्हीं का प्रयास था कि श्रम कानून में श्रमिकों के लिए दिन में आठ घंटे का ही कार्य लिए जाने का प्रावधान हो सका। आयोजन की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता संकाय मामले प्रोफेसर यू.सी. जायसवाल ने श्रोताओं को अपने शब्दों से मार्गदर्शित किया। उन्होंने ने कहा कि बाबा साहब एक राजनेता के साथ साथ एक महान शिक्षाविद एवं कानूनविद थे। जिनका योगदान युगों युगों तक याद किया जाता रहेगा।
कार्यक्रम के समापन से पूर्व डॉ राजन मिश्र ने प्रोफेसर यू.सी. जायसवाल को और डॉ अवधेश कुमार ने कुलसचिव महोदय को और डॉ राजन मिश्र ने डॉ मिलिंद राज आनंद को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। उसके पश्चात डॉ अवधेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इसके बाद डॉ भीम राव आंबेडकर के सम्मान में और उनकी समानता की विचारधारा को समाज में जीवित रखने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा एक पदयात्रा आर्यभट्ट हाल से आंबेडकर भवन की ओर निकाली गई।
राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से इस पदयात्रा का मार्गदर्शन अभिनव कुमार सचिव राष्ट्रीय सेवा योजना और उनके सहकर्मी साक्षी सिंह और सूर्यांश विक्रम सिंह ने किया जिसमें सारे अतिथि शामिल हुए।
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