भारत में आपातकालीन चिकित्सा और ट्रॉमा केयर को एक नई दिशा देने वाला COMET 2025 सम्मेलन आज लखनऊ में भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन सोसाइटी ऑफ एक्यूट केयर ट्रॉमा एंड इमरजेंसी मेडिसिन (SACTEM) द्वारा किया गया। सम्मेलन में देशभर से सरकारी और निजी क्षेत्र के चिकित्सा विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और शिक्षक एकत्रित हुए, जहां आपातकालीन सेवाओं की चुनौतियों, नवाचारों और समाधान पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
सिर की चोट और रेडियोलॉजी पर विशेष ध्यान
सम्मेलन में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें पूर्व अस्पताल देखभाल, कम लागत की आपातकालीन सेवाएं, एआई आधारित स्वास्थ्य देखभाल, सिर की चोट और रेडियोलॉजी पर विशेष ध्यान दिया गया। सम्मेलन में आईएएस मोनिका गर्ग ने एआई और हेल्थकेयर के संयोजन पर गहरी चर्चा की, वहीं डॉ. वेरोनिका (पुर्तगाल) ने डिजास्टर मेडिसिन पर अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव साझा किए।
आज लखनऊ में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन मेडिकल इमरजेंसीज (कॉमेट-2025) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए। इस अवसर पर ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ० लोकेंद्र गुप्ता जी, कोऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन प्रोफेसर एस०एस० त्रिपाठी जी, ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ० शुभांकर पाल जी, कोऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ०… pic.twitter.com/g4vzldFwlM
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) April 13, 2025
सम्मेलन के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने COMET 2025 और SACTEM के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘SACTEM ने भारत में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को एक नई दिशा दी है। गोल्डन ऑवर का महत्व आपातकालीन स्थितियों में अत्यधिक है और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं।’
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन मशीनों की स्थापना और मिनी ट्रॉमा सेंटर की शुरुआत जैसे प्रयास आपातकालीन सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेहतर बनाएंगे।
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SACTEM के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ. लोकेन्द्र गुप्ता ने सम्मेलन के महत्व को बताते हुए कहा, ‘COMET 2025 ने देश के आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को एक नई पहचान और दिशा दी है। हम उत्तर प्रदेश सरकार और मीडिया का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस मिशन को सफल बनाने में हमारी मदद की। वहीं, SACTEM के मुख्य संरक्षक डॉ. समीर मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, ‘हमें अपने PHC, CHC और जिला अस्पतालों के डॉक्टरों को सशक्त बनाना होगा, क्योंकि वे ही आपातकालीन सेवाओं की असली रीढ़ हैं।
समापन समारोह में Co-Chairman डॉ. एस. एस. त्रिपाठी, ऑर्गेनाइजिंग सेक्रटेरी डॉ. शुभंकर पाल, ऑर्गेनाइजिंग को-सेक्रटेरी डॉ. उत्सव आनंद मणि, SACTEM के उपाध्यक्ष डॉ. मुस्तहसिन मलिक, सेक्रेटरी डॉ. ओ. पी. संजीव और डॉ. राजीव गुप्ता समेत कई प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञ और आयोजक उपस्थित रहे।