वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) आज लोकसभा (LokSabha) में पेश किया गया, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पक्ष रखा, जबकि विपक्ष ने अपनी चिंताएँ जाहिर कीं।
गृह मंत्री अमित शाह ने दी सफाई
अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि इस बिल को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, “या तो निर्दोष भाव से या फिर राजनीतिक कारणों से कई गलतफहमियां बनाई गई हैं।” शाह ने बताया कि बिल पर चर्चा का जवाब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju)देंगे।गृह मंत्री ने वक्फ शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि यह एक अरबी शब्द है, जिसका संबंध हदीसों से है। इसका मौजूदा अर्थ अल्लाह के नाम पर संपत्ति दान करने से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस्लाम के दूसरे खलीफा उमर के समय वक्फ की अवधारणा अस्तित्व में आई थी।
दान में केवल निजी संपत्ति, सरकारी संपत्ति नहीं
शाह ने स्पष्ट किया कि वक्फ एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोरमेंट है, जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति का दान करता है। उन्होंने कहा, “दान केवल उसी चीज का किया जा सकता है जो व्यक्ति की खुद की हो। मैं सरकारी संपत्ति या किसी और की संपत्ति का दान नहीं कर सकता।”
बिल पर चर्चा जारी
लोकसभा में इस संशोधन बिल पर चर्चा जारी है और विपक्ष ने इस पर अपनी आपत्तियाँ जताई हैं। देखना होगा कि बिल को लेकर सदन में आगे क्या रुख अपनाया जाता है।