कोरोना वायरस के कारण उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में लॉकडाउन जैसे हालात हैं। इस वजह से गरीब परिवारों के लिए अपना भरण पोषण करना भी मुश्किल हो रहा है। जिसके अंतर्गत जहां एक तरफ संक्रमण रोकने के लिए टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जा रही है वहीं दूसरी तरफ कर्फ्यू से परेशान लोगों को राशन और खाना पहुंचाया जा रहा है। सीएम ने इसके लिए एक अभियान चलाया है। इस अभियान में राशनकार्ड धारकों को राशन, तो शहरों में नगर निगमों द्वारा संचालित कम्यूनिटी किचन के जरिए रोजाना हजारों मजदूरों, रिक्शा चालकों और असहायो को भोजन भी मुहैय्या कराया जा रहा है। ताकि किसी को दिक्कत न उठानी पड़े।
तीन महीने मिलेगा राशन
जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को तीन महीनों तक तीन किलो गेहूं और 2 किलो चावल देने का फैसला किया है। सरकार करीब 14.8 करोड़ गरीबों को आगामी जून, जुलाई और अगस्त माह में मुफ्त में राशन देने का ऐलान कर चुकी है।इसके साथ ही सरकार शहरी क्षेत्रों में रहने वाले मजदूरों को हर महीने 1 हजार रुपए का भत्ता भी देगी। जिन परिवारों की सालाना आय 27 हजार रुपए से कम है, उन्हें गरीबी रेखा से नीचे माना जाता है। ताकि किसी को राशन के लिए इधर उधर भटकना ना पड़े।
सामुदायिक रसोई से मिल रहा लोगों को खाना
दूसरी तरफ अब अगर सिर्फ यूपी की राजधानी लखनऊ की बात करें तो लखनऊ नगर निगम के आयुक्त अजय द्विवेदी बताते हैं कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान कई ऐसे वर्ग है, जिनके सामने खाने पीने की एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में हमारे नगर निगम द्वारा संचालित कम्यनिटी किचनों के जरिये बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और आमीनाबाद, चारबाग जैसे भीड़ भाड़ वाले इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर मिलने वाले यात्रियों, मजदूरों, रिक्शा चालकों और असहाय लोगों को भोजन पहुंचाया जा रहा है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ओर से यूपी में 402 से अधिक सामुदायिक रसोई घर बनाए गए हैं। जहां से अब तक 2.5 लाख से ज्यादा लोगों को दिया जा चुका है। प्रदेश में 402 से अधिक सामुदायिक रसोई घरों (402 Community Kitchens) से रोजाना 42,495 से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है जबकि हरदोई, शामली, उन्नाव समेत कई जिलों में सामुदायिक रसोईघर बनाने का काम किया जा रहा है।
असल में सरकार ने महामारी के इस दौर में दिहाड़ी मजदूरों व दूसरे जरूरतमंदों के लिए उनके कार्यस्थलों पर मुफ्त भोजन वितरित करने के लिए कम्युनिटी किचन की शुरूआत की है। सरकार ने एनजीओ से भी इस काम में आगे आने की अपील की है। सरकार ने कोरोना की पहली लहर में भी बड़े पैमाने पर कम्युनिटी किचन शुरू कर जरूरतमंदों तक बड़े पैमाने पर भोजन पहुंचाने का काम किया था।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )