वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के वजूखाने में शिवलिंग (Shivling in Vazu Khana) मिलने के दावे के बीच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने एक अर्जी दाखिल कर सपा चीफ अखिलेश यादव, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत सात नामजद और दो हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर विवेचना करने का अनुरोध किया गया है।
अर्जी में कहा गया है कि वजूखाने में शिवलिंग देखकर करोड़ों हिन्दुओं को पीड़ा हुई है। साथ ही नेताओं की बयानबाजी से हिन्दुओं की भावनाएं भी आहात हुई है। अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्जवल उपाध्याय की कोर्ट में आवेदन देकर कहा कि जहां शिवलिंग मिला है, वहां हाथ-पैर धोना और गंदा पानी देखकर काशीवासियों समेत पूरे देश का ह्रदय पीड़ा से भर गया है।
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इसके अलावा अखिलेश यादव का शिवलिंग को लेकर दिया गया बयान भी हिंदू भावनाओं को आहत करता है। वहीं, सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई भी इस मुद्दे पर आपत्तिजनक बातें कही जा रही है। फ़िलहाल इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत मंगलवार को यह फैसला करेगी कि कौन सी याचिका पहले सुनी जाएगी। सोमवार को हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी दलील पेश की। मुस्लिम पक्ष की ओर से 1991 के प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट को आधार बताकर केस को खारिज करने की मांग की, जिस पर हिन्दू पक्ष ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में 1991 के कानून का उल्लंघन नहीं होता।
हिंदू पक्ष की तरफ से मांग की गई कि पहले कमीशन की रिपोर्ट को शामिल करके ज्ञानवापी के धर्मिके चरित्र का निर्धारण होना चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला जज अर्जुन कृष्ण विश्वेश ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। आज दोपहर 2 बजे कोर्ट मुकदमे की पोषणीयता पर आदेश देगा।
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