‘ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार पर दिखा घंटा, स्वास्तिक, विष्णु जी का नाग और कमल एकदम काशी विश्‍वनाथ मंदिर जैसे’, सर्वे करने गए वीडियोग्राफर का दावा

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey and Videography) को लेकर सियासी गलियारे में हंगामा जारी है. इन सबके बीच ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. कल मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. देश के सबसे हाईप्रोफाइल मामला बन चुके ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट गुरुवार को फैसला सुना सकता है. वहीं इस विवाद के बीच दो चश्मदीद गवाहों का दावा है कि मस्जिद परिसर के अंदर स्वास्तिक और कमल के फूल सहित कई ऐसी कलाकृतियां बनी हैं जो हिंदू धर्म से जुड़ी हैं.

इन गवाहों में एक सर्वे टीम के वीडियोग्राफ विभाष दुबे हैं, जो कुछ दिन पहले ही मस्जिद के अंदर होकर आए हैं, जबकि दूसरे चश्मीदद गवाह राम प्रसाद हैं, जिन्होंने तीस साल पहले मस्जिद का दौरा किया था. दोनों ने जो बातें बताई हैं वे काफी मिलती-जुलती हैं. एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में राम प्रसाद ने बताया कि वहां खंभे के पत्थर और कमल के फूल की कलाकृतियां हैं. राम प्रसाद ने यहां मौजूद तहखाने को लेकर यह जानकारी दी है, जिसमें प्रवेश की अनुमति कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिली है.

राम प्रसाद ने तीस साल पहले की अपनी आंखोंदेखी बताते हुए कहा कि ताला दरवाजा खुला और हमनेअंदर प्रवेश किया. जब मैं बाएं तरफ गया तो वहां टूटे-फूटे मंदिर के मूल स्ट्रक्चर के जो अवशेष हैं, वो बहुत भारी संख्या में वहां मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि वहां कुछ लंबे-लंबे खंभे के पत्थर हैं कुछ छोटे-बड़े टुकड़े हैं. सबसे बड़ा प्रमाण ये है कि उन टुकड़ों पर जो कलाकृतियां हैं वे अभी भी जो मंदिर का हमारा मूल स्ट्रक्चर है, वो उसमें वर्तमान में दिख रही हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें मस्जिद और तहखाने में मौजूद पत्थरों के बीच एक कनेक्शन भी नजर आया. उनके मुताबिक, टूटे-फूटे स्तंभों पर बनी कलाकृतियों और मस्जिद की दीवारों की कलाकृतियों में काफी समानता है.

राम प्रसाद को 1991 में एक आर्टिकल लिखने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद में प्रवेश की अनुमति मिली थी. इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर की तस्वीरें भी ली थीं. उन्होंने बताया कि ये तस्वीरें उन्होंने मैग्जीन वंदे मातरम के लिए खींची थीं. उनका दावा है कि तब से लेकर अभी तक काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद में काफी बदलाव भी किए गए हैं.

मस्जिद की दीवार पर बना है स्वास्तिक और घंटा

वहीं, सर्वे टीम के वीडियोग्राफर विभाष दुबे ने भी इन बातों की पुष्टि की है. विभाष दुबे के मुताबिक, जब सर्वे टीम ज्ञानवापी मस्जिद के गेट नंबर 4 से अंदर गई तो वहां घंटा, स्वास्तिक, कमल का फूल जैसी कलाकृतियां देखने को मिलीं. उन्होंने बताया कि वहां ऐसी कलाकृतियां दिखीं जो हिंदू धर्म से संबंधित हैं. वहीं, मस्जिद के अंदर के बारे में उन्होंने बताया कि वहां भी हिंदू धर्म से जुड़ी नक्काशी दिखाई दीं.

मस्जिद की दीवार पर विष्णु जी का नाग दिखा

वीडियोग्राफर विभाष दूबे का दावा है कि नंगी आंखों से यह सब वहां जाकर देखा जा सकता है, जिस तरफ नंदी मुंह कर बैठे हैं वहां मस्जिद की दीवार पर फूलों की लड़ियां दिखीं, दक्षिण में स्वास्तिक भी दिखा, कलाकृतियां साफ नज़र आती हैं, फन काढ़े हुए विष्णु जी का नाग भी दिखा, श्रृंगार गौरी की दीवार पर गढ़े हुए दिखे.

वीडियोग्राफी का शुरू से ही मुस्लिम पक्ष कर रहा विरोध 

गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष मस्जिद में हो रहे सर्वे और वीडियोग्राफी का शुरू से ही विरोध कर रहा था. सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के बाहर हंगामा भी किया था और सर्वे व वीडियोग्राफी रोकने की मांग की गई थी. इससे पहले हिंदू पक्ष ने कोर्ट में कहा था कि एडवोकेट कमिश्नर को बेरिकेडिंग के दूसरे तरफ यानी ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में मुस्लिम पक्षकार द्वारा वीडियोग्राफी और सर्वे नहीं करने दिया गया. हिंदू पक्षकार के तरफ से यह भी कहा गया है कि मुस्लिम पक्षकार ने उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर और तहखाने में अंदर जाने से यह कहते हुए रोका कि कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है.

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर से संबंधित विवाद को लेकर 6 मामले हाई कोर्ट में भी चल रहे हैं. इनमें से 4 मामलों में पहले ही फैसला सुरक्षित किया जा सकता है अब अन्य मामलों में भी सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुना दिया जाएगा. इस मामले को लेकर लंबे समय से सुनवाई चल रही है और लगातार दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग दलीलें और सबूत पेश किए जा रहे हैं.

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