हमास से सीजफायर के बाद इजरायल ने भारत को कहा धन्यवाद!, कहा- हमें लगातार मिलता रहा इंडिया का समर्थन

इजरायल (Israel) और फिलिस्तीनी (Palestine) संगठन हमास (Hamas) के बीच शुरू हुए खूनी संघर्ष से मची तबाही आखिरकार शांत हो गई. 11 दिन तक इजरायल के ताबड़तोड़ हमलों के बाद गज़ा पट्टी पर सीजफायर (Ceasefire) लागू किया गया है. भारत (India) में इजरायल की डिप्‍टी राजदूत रोनी येदिदिया क्‍लेन ने भी हमास के बीच संघर्षविराम का स्‍वागत किया है. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका सहित कुछ अन्‍य देशों की तरह ही भारत ने इस मामले पर सार्वजनिक तौर पर किसी भी तरह का समर्थन नहीं किया, लेकिन भारत की तरफ से लगातार समर्थन मिलता रहा.


वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोनी येदिदिया क्लेन ने कहा, ‘हमारी ओर से पिछले 11 दिनों से चल रहे खूनी संघर्ष का अंत हो गया है. हम उम्‍मीद करते हैं कि हमास की ओर से भी किसी भी तरह की फायरिंग नहीं की जाएगी.’ उन्‍होंने कहा कि जमीनी हकीकत तय करेगी कि मिस्र की मध्यस्थता से युद्धविराम कैसा रहेगा.



लगातार मिलता रहा भारत का समर्थन

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रोनी येदिदिया क्लेन ने कहा इस मामले में जब हमने भारतीय समकक्षों के साथ बात की तो हमें बहुत सी चीजें समझ में आईं. भले ही भारत ने कभी भी सार्वजनिक तौर पर हमारा समर्थन नहीं किया, लेकिन उनका साथ हमेशा हमें मिलता रहा है. क्‍लेन ने कहा कि हमने जब भारतीय अधिकारियों को इजरायल की कार्रवाई के बारे में बताया कि तो इस पूरे मुद्दे पर एक समझ देखने को मिली. उन्‍होंने बताया कि हमास पर कार्रवाई के दौरान इजरायली दूतावास लगातार भारत और अपने समकक्षों के संपर्क में रहा.


जंग के दौरान भारत लगातार संपर्क में था

रोनी येदिदिया क्लेन ने कहा, जब कभी भी कोई बड़ी परेशानी आती है तो हम अपने समकक्षों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं. यही कारण है कि हमास के साथ जंग में भी हम लगातार भारत के विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क में रहे. वे बहुत समझदार हैं और हम एक साथ काम करते हैं.’ प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान क्‍लेन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति की तरफ से दिए गए बयानों का भी उल्लेख किया, जिसमें तनाव को तत्काल कम करने का आग्रह किया गया था.


इजराइली दूतावास ने ट्वीट में लिखा ‘धन्यवाद’

हमास के साथ सीजफायर के बाद इजरायली दूतावास की ओर से ट्वीट करते हुए कहा गया कि, हमास के हमलों के बाद जिस तरह से हमें अपने दोस्तों का समर्थन मिला हम उसके अभारी हैं. आत्मरक्षा के हक का समर्थन करने के लिए हम सभी का आभार प्रकट करते हैं. आपका समर्थन हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है. इजरायली दूतावास ने हिंदी में धन्यवाद लिखकर ट्वीट किया.


लोगों को संदेश दिए गए

इजरायल का कहना है जिन इमारतों को निशाने पर लिया गया वहां लोगों को फोन पर संदेश दिया गया कि वो इमारत से दूर चले जाएं. कई बार इजरायल ने इमारतों पर आवाज करने वाले बम भी छत पर गिराए, जिससे जो लोग चेतावनी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं वो भी इमारत से बाहर आ जाएं. इजरायल का कहना है कि उनकी कोशिश रही है कि वह सुरंगों और हमास के नेतृत्व को खत्म करें ना कि आम नागरिक से जुड़े बुनियादी ढांचे को खत्म कर दें. इजरायल का कहना कि हमास ने नागरिक ढांचे की आड़ से हमला किया है, जिससे हमास ने लोगों के जान माल को खतरे में डाल दिया.


रिहायशी इलाकों को बनाया निशाना

क्लेइन का ये भी कहना है की हमास के रॉकेट्स ने 75 प्रतिशत रिहायशी इलाकों को अपने निशाने पर ले रखा था. जिन रॉकेट्स से उनपर हमला किया गया वो काफी महंगे थे और वो राकेट विकास के पैसे से बने थे. इजरायल की ओर से कहा गया कि हमास ने उसपर पिछले 10 दिनों में 29 किस्म के राकेट दागे हैं. रॉनी येदिदिआ क्लेइन ने कहा कि एक जमाने में लेबनान को पश्चिम एशिया का पेरिस कहा जाता था और अब वो चरमपंथियों का अड्डा बन गया है. इजरायल का कहना है कि वह दक्षिणी लेबनान (Southern Lebanon) से हुए राकेट हमलों को काफी गंभीरता से लेता है.


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