बेहद तेज तर्रार हैं IPS शालिनी सिंह, जिन्हें गृहमंत्री अमित शाह ने खुद फोन कर सौंपी कंझावला केस की जांच

 

हाल ही में दिल्ली में एक ऐसी वारदात सामने आई जिसकी वजह से मानवता को शर्मसार होना पड़ा। दरअसल दिल्ली में मंगोलपुरी की रहने वाली 20 वर्षीय युवती की स्‍कूटी के कार से टक्‍कर के बाद उसको करीब 12 क‍िलोमीटर तक घसीटकर मारे जाने की जघन्‍य वारदात से हर कोई हैरान है। वारदात की गुत्‍थी सुलझाने में लगी द‍िल्‍ली पुल‍िस की टीम अब तक करीब 23 से ज्‍यादा सीसीटीवी फुटेज को कब्‍जे में ले चुकी है। इस मामले की जांच गृह मंत्री अमित शाह ने खुद आईपीएस शालिनी सिंह को सौंपी है। आइए आपको बताते हैं कि आईपीएस शालिनी सिंह आखिर हैं कौन?

जानें कौन हैं आईपीएस शालिनी

शलिनी सिंह 1996 बैच की आईपीएस हैं और फिलहाल दिल्ली पुलिस में आर्थिक अपराध शाखा की स्पेशल कमिश्नर हैं। इससे पहले शालिनी सिंह ज्वाइंट सीपी वेस्टर्न रेंज थीं। उनके कामकाज की खूब तारीफ होती है। किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से रणनीति बनाने में शालिनी सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। वहीं दूसरी तरफ जब देश में कोरोना की वजह से पहला लॉकडाउन लगा था तब शालिनी सिंह घर जाने के बारे में नहीं सोचती थीं। अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद वह हर चेकपोस्ट पर कोरोना ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों का हौसला बढ़ाने के लिए जाया करती थीं, ताकि वो ड्यूटी पर मुस्तैद रहे।

हत्याकांड का किया था खुलासा

इतना ही नहीं, शालिनी सिंह लाउडस्पीकर लेकर सड़क पर उतरीं थी जब दिल्ली के ख्याला इलाके में सांप्रदायिक तनाव था। उस समय काफी अफवाह फैली थी। उसको रोकने के लिए वह सड़क पर उतरीं थी। शालिनी सिंह की नियुक्ति उससे पहले डीसीपी साउथ वेस्ट और साउथ ईस्ट के पद पर भी हो चुकी है। वह आईबी में भी पोस्टेड रही हैं। साल 2004 में एक हत्याकांड काफी सुर्खियों में आया था। इस मामले में सीनियर स्टीजन लेफ्टिनेंट जनरल हरनाम सिंह और उनकी पत्नी की हत्या की गई थी। उनका केस शालिनी ने ही सुलझाया था। उन्होंने ही आरोपियों को नेपाल बॉर्डर पर पकड़ा था।

इन पहलुओं पर करेंगी जांच

इस मामले में महिला IPS अफसर जांचेंगी कि घटना वाली रात दिल्ली पुलिस को कितनी PCR कॉल प्राप्त हुईं और मौजूद पुलिसकर्मियों का रिस्पॉन्स टाइम कितना था? 20 साल की युवती अंजलि की मौत मामले में स्पेशल कमिश्नर शालिनी सिंह जांच करेंगी कि 12-13 किलोमीटर तक लड़की को कार से घसीटा गया तो क्यों किसी दिल्ली के पुलिस जवान की निगाहें उस पर नहीं पड़ीं?

जिस दौरान लड़की को कार से घसीटा गया, उस रूट पर कितनी PCR की गाडियां मौजूद थीं? कितने जवान मौजूद थे? क्यों किसी पुलिस के जवान को ये सब नहीं दिखा? शालिनी जांच से जुड़े तमाम अधिकारियों के बयान दर्ज करेंगी। कहीं कोई लापरवाही हुई है? अगर हुई तो लापरवाही किसकी है? इसकी भी जांच करेंगी।

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