Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत, 65 में 15 हत्या के मुकदमे, वाराणसी में अवधेश राय की हत्या

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार की देर रात मौत (Mukhtar Ansari Death) हो गई। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कौशल ने बताया कि मुख्‍तार की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। उन्होंने बताया कि उसे बेहोशी की हालत में यहां लाया गया था। जेलकर्मियों ने उसे उल्टियां आने की जानकारी दी थी। सूत्रों के अनुसार मुख्तार ने खिचड़ी खाई थी। उसे खून की उल्टी आने की भी चर्चा है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई। पांच सदस्यीय डॉक्टरों की टीम के द्वारा मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।

मुख्तार अंसारी पर दर्ज थे 65 मुकदमे

माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली के अलग-अलग जिलों में 65 मुकदमे दर्ज थे। इनमें से सर्वाधिक 25 मुकदमे गाजीपुर जिले में दर्ज थे। 65 मुकदमों में 15 मुकदमे हत्या के आरोप से संबंधित थे। मुख्तार को आठ मामलों में अदालत से सजा सुनाई जा चुकी थी। वहीं, 21 मुकदमों का अलग-अलग अदालतों में ट्रायल चल रहा था।

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अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर स्थित अपने घर के बाहर खड़े थे। उसी दौरान बगैर नंबर की मारुती वैन से आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर अवधेश राय की हत्या कर दी थी। घटनास्थल से चेतगंज थाना लगभग 100 मीटर की दूरी पर था। अजय राय ने बदमाशों का पीछा भी किया था, लेकिन उन्हें पकड़ पाने में वह असफल रहे थे। यह ऐसा पहला मामला था जिसमें मुख्तार अंसारी को 5 जून 2023 को वाराणसी की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

नंद किशोर रुंगटा का आज तक नहीं लगा पता

विहिप के तत्कालीन कोषाध्यक्ष और कोयला कारोबारी नंद किशोर रुंगटा का अपहरण बनारस स्थित उनके ऑफिस से 22 जनवरी 1997 को किया गया था। मुख्तार अंसारी गिरोह को सवा करोड़ रुपये की फिरौती दी गई थी। इसके बाद भी आज तक नंद किशोर रुंगटा का पता नहीं लग पाया। उनके परिजन घटना के 27 वर्ष बाद भी कुछ नहीं बोलते हैं।

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पुलिस और सीबीआई से पैरवी न करने के लिए मुख्तार अंसारी ने उनके भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकी दी थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी को वाराणसी की अदालत ने 15 दिसंबर 2023 को पांच साल छह माह की सजा और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया था।

कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या 

वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता कृष्णानंद राय ने मोहम्मदाबाद से अफजाल अंसारी को शिकस्त दी थी। 2004 में अफजाल अंसारी गाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 29 जनवरी 2005 को विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों पर एके-47 से 500 राउंड गोली चलाकर बसनिया चट्टी के समीप नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में मारे गए सात लोगों के शव से 67 गोलियां बरामद की गई थी।

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