मोदी सरकार देश में करंसी को लेकर एक बड़ा फैसला ले सकती है. जल्द ही सरकार डिजिटल करंसी की घोषणा कर सकती है. अगर ऐसा कोई ऐलान हुआ तो बाजार में आसानी से डिजिटल करंसी मिलने लगेगी. करंसी के बारे में गठित एक समिति जिसकी अगुवाई आर्थिक मामलों के सचिव ने की थी, अपनी रिपोर्ट सरकार के सुपुर्द कर दी है.
इस रिपोर्ट में सरकार को डिजिटल नोट के बारे में सोचने के लिए जोर दिया गया है. इस रिपोर्ट में ये सुझाव है कि सरकार को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करंसी की समस्या से निपटने के लिए जल्दी ही बाजार में डिजिटल नोट लाने के बारे में विचार करना चाहिए. वित्त मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय डिजिटल नोट लाने के मामले में जल्द ही आरबीआई के साथ मीटिंग कर सकता है. हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला पीएमओ के साथ मिलकर किया जाएगा.
अगर ऐसा हुआ तो बाजार में कागज के नोटों का इस्तेमाल बहुत कम हो जाएगा. वैसे भी आज के समय सें अधिकतर लोग नेट-बैंकिग के साथ ही कई दूसरे ऑनलाइन ऐप का इस्तेमाल करके पैसे का लेन-देन करते हैं. डिजिटल करंसी आने के बाद फिजिकल करंसी यानि कागज के नोटों का इस्तेमाल और भी कम हो जाएगा.
वर्चुअल करंसी पर बनी समिति की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कागज के नोटों के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक नोटों को भी जारी किया जाना चाहिए. इसमें ये भी सुझाव दिया गया है कि डिजिटल नोट जारी करने उसके सर्कुलेशन की साड़ी जिम्मेदारी आरबीआई की होनी चाहिए. इस पूरे मसले पर आरबीआई का पूरा कंट्रोल होना चाहिए. गौरतलब है कि डिजिटल करेंसी के स्रोत, लेन देन गोपनीय रखे जाएं.
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सूत्रों की मानें तो बाजार में डिजिटल करंसी के आने के बाद से पैसे के लेन-देन के लिए इस्तेमाल होने वाले तरीकों में काफी बदलाव हो जाएगा. समीति का दावा है कि इससे काले धन में भी अंकुश लगाया जा सकेगा. डिजिटल करंसी से मॉनिटरी पॉलिसी का पालन करना आसान हो जाएगा.
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