बिहार चुनाव में चला ‘योगी मैजिक’, BJP को लौटा दी खोई हुई साख

चुनाव किसी भी राज्य का हो, भाजपा नेतृत्व स्टार प्रचारक के तौर पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को मैदान में उतारती रही है। योगी ने भी चुनाव के दौरान ताबड़तोड़ रैलियां कर पार्टी को कभी निराश नहीं किया। बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद स्टार प्रचारक के तौर पर पीएम मोदी के साथ ही योगी आदित्यनाथ पर भी पार्टी ने भरोसा जताया। मंगलवार को नतीजों (Bihar Election Results) ने यह साफ कर दिया कि भाजपा का फैसला बिल्कुल सही था।


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार चुनाव में जमकर मेहनत की। उन्होंने लखनऊ और पटना एक कर दिया। एक ही दिन में लखनऊ में कैबिनेट की मीटिंग निपटाने के बाद सीएम योगी बिहार में चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़ते। उन्होंने 6 दिनों में एक के बाद एक 18 चुनावी रैलियां की। अगर औसतन देखें तो एक दिन में योगी 3 रैलियां कर रहे थे। खास बात ये रही कि इन रैलियों के लिए योगी का मैनेजमेंट ऐसा था कि वे यूपी के प्रशासनिक कार्यों में कोई अड़चन नहीं आने देते थे।


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साल 2015 में हुए बिहार चुनाव में महागठबंधन ने बीजेपी को अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया था। ऐसे में सीएम योगी का फोकस उन्हीं इलाकों पर था, जहां बीजेपी को पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। पहले चरण के चुनाव प्रचार में योगी 6 अहम सीटों पर पहुंचे थे- पालीगंज, तरारी, जमुई, काराकाट, अरवल और रामगढ़. ये सभी सीटें पिछले चुनाव में बीजेपी के हाथ से निकल चुकी थीं।


इस बार के नतीजों ने इनमें से तीन सीटें जमुई, काराकाट और अरवल बीजेपी के खाते में जा रही हैं, जबकि रामगढ़ में भी बीजेपी कांटे की टक्कर बीएसपी को दे रही है। इसके अलावा जिन विधानसभा सीटों पर योगी प्रचार के लिए पहुंचे थे उनमें से – पूर्णिया, सहरसा, सिवान, गरियाकोठी, भागलपुर, गोविंदगंज, झंझारपुर, दरभंगा में भी योगी का प्रचार रंग लाता हुआ दिखा है। यानि 18 में से 10 सीटों पर योगी के प्रचार का असर कुछ ऐसा रहा कि बीजेपी शानदार प्रदर्शन कर रही है।


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