जब प्रियंका गाँधी ने वाजपेयी सरकार से लगाई थी गुहार ,53,421 रुपये किराया चुकाने की मेरी हैसियत नहीं

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी से संबंधित एक नए खुलासे से साबित हो गया है कि वह ‘मोल-तोल’ करने में भी माहिर हैं। प्रियंका ने 17 साल पहले वाजपेयी सरकार से लुटियन दिल्ली में 2,765.18 स्क्वायर मीटर के घर का किराया 53,421 रुपए से घटाकर 8888 करा लिया था। प्रियंका गांधी ने इसके लिए दलील थी, ‘इतनी धनराशि का भुगतान उनकी हैसियत से बाहर है।


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वर्तमान में प्रियंका गांधी 35, लोधी एस्टेट के टाइप VI सरकारी आवास के लिए 31,300 रुपए अदा कर रही हैं। दअरसल, सरकार ने प्रियंका गांधी और तीन अन्य ‘प्राइवेट सिटीजंस’ पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल, ऑल इंडिया टेररिस्ट फ्रंट चीफ एमएस बिट्टा और पंजाब केसरी के एडिटर अश्विनी कुमार को सुरक्षा कारणों के चलते वीआईपी इलाके में घर प्रदान किए थे। गिल और बिट्टा, प्रियंका गांधी के बराबर ही धनराशि का भुगतान कर रहे हैं जबकि अश्विनी कुमार ने 2012 में घर खाली कर दिया था।


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प्रियंका गांधी ने 7 मई 2002 को सरकार को लिखा था कि घर के बदले 53,421 की रकम, ‘बेहद ज्यादा’ है और यह राशि ‘उनकी अदायगी क्षमता से बाहर’ है। प्रियंका ने सरकार को बताया था कि उन्होंने यह बंगलो स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (एसपीजी) के कहने पर लिया हुआ है और इसके बड़े हिस्सा का इस्तेमाल उनका परिवार नहीं बल्कि एसपीजी खुद कर रही है। उन्होंने सरकार को कहा था कि वह इस घर में अपनी मर्जी से नहीं बल्कि सुरक्षा कारणों के चलते रह रही हैं।


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प्रियंका ने सरकार से निवेदन किया, वह ‘28,451 रुपए प्रति माह के पुराने रेट से किराया अदा कर सकती हैं, न कि बढ़ा हुआ 53,421 रुपए प्रति माह।’ शहरी विकास मंत्रालय के डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट फाइल नोटिंग के मुताबिक, बाकी लोगों ने भी ये ही मांग की थी। यही नहीं, रेंट बढ़ने के बावजूद चारों लोग पुरानी दर के हिसाब से ही भुगतान करते रहे। 31 जनवरी 2004 तक प्रियंका गांधी पर 3.76 लाख रुपए बकाया हो गए थे।


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नोएडा के देव आशीष भट्टाचार्य द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में मिले 8 जुलाई 2003 के कैबिनेट कमिटी के नोट से यह सब खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, यह माना गया कि चारों लोग प्राइवेट सिटीजंस हैं और सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें तय नियम के हिसाब से घर दिए गए हैं, वे लाइसेंस फीस के मार्केट रेट के हिसाब से रेंट नहीं दे सकते, लिहाजा इसकी समीक्षा की गई।


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इसके बाद प्रियंका गांधी के लिए 24 जुलाई 2003 से स्पेशल लाइसेंस फी संशोधित कर 8888 कर दी और बाकी लोगों का रेंट भी कम कर दिया गया। गिल का रेंट 60,741 से घटाकर 10,715 बिट्टा का 55,536 से 10,203 और अश्विनी कुमार का 50,311 घटाकर 8,555 रुपए प्रति माह कर दिया गया। प्रियंका गांधी को घर 1997 में एसपीजी, केंद्रीय सचिवालय और गृह मंत्रालय की सिफारिश पर दिया गया था। डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट के मुताबिक, 5 लोधी एस्टेट उन्हें 19,900 के मार्केट रेट पर 21 फरवरी 1997 में आवंटित किया गया


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