संसद में लटका बिल, सरकार फिर ले आई तीन तलाक पर अध्यादेश

देश में चल रहे ट्रिपल तलाक पर गहमा-गहमी एक बार फिर से गरमा सकती है. तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगाने एवं उसे दंडनीय अपराध बनाने के संबंध में सरकार एक बार फिर अध्यादेश लेकर आई है. शनिवार को जारी किए गए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के तहत एक बार में तीन तलाक लेना गैरकानूनी, अवैधानिक होगा और पति को इसके लिए तीन साल की कैद हो सकती है. गौरतलब है कि, साल 2018 के सितंबर में जारी किए गए पिछले अध्यादेश को कानून की शक्ल देने के लिए लाया गया एक विधेयक लोकसभा से तो पारित हो गया था लेकिन वह राज्यसभा में लंबित रहा था.

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केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिली स्वीकृति

गौरतलब है की, विधेयक को संसदीय मंजूरी नहीं मिलने के चलते फिर से नया अध्यादेश जारी किया गया है. पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद इसे फिर से लाया गया है. प्रस्तावित कानून के दुरुपयोग के डर को कम करने के लिए सरकार ने इसमें कुछ निश्चित सुरक्षा उपाय शामिल किए जैसे कि मुकदमे से पहले आरोपी की जमानत के प्रावधान को इसमें जोड़ा गया.

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कैबिनेट ने इन संशोधनों को 29 अगस्त, 2018 को मंजूरी दे दी थी. अध्यादेश इसे भले ही एक “गैर जमानती” अपराध बनाता है लेकिन एक आरोपी मुकदमे से पहले ही जमानत के लिए मजिस्ट्रेट के पास जा सकता है. एक गैर जमानती अपराध में जमानत सीधे पुलिस या पुलिस थाने से नहीं मिल सकती.

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