यूपी: योगी सरकार में ताबड़तोड़ पुलिस एनकाउंटर के दिखे नतीजे, घटा अपराध का ग्राफ

सूबे की योगी सरकार द्वारा कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भले ही विरोधियों के निशाने पर हो. लेकिन, राज्य के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह का दावा है कि प्रदेश में अपराधों का ग्राफ गिरा है और साल 2017 के मुकाबले साल 2018 में अपराधों की संख्या में कमी आई है. ऐसा प्रभावशाली पुलिसिंग और किसी भी घटना पर त्वरित कार्रवाई किए जाने की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा- ‘पिछले 2 साल के दौरान उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ निश्चित रूप से गिरा है. प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखना, प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और हम प्रभावी पुलिसिंग और त्वरित कार्रवाई के बल पर आम जनता में सुरक्षा की भावना और विश्वास पैदा करने में कामयाब रहे हैं’. पुलिस महानिदेशक कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बलात्कार, हत्या, अपहरण और लूट की घटनाओं में जनवरी से दिसंबर साल 2017 के मुकाबले साल 2018 में इसी अवधि में गिरावट आई है.

 

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आंकड़ो के मुताबिक अपराधों में आई गिरावट

आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में राज्य में जहां बलात्कार के 4272 मामले सामने आए. वहीं साल 2018 में इसमें गिरावट आई और यह 3946 के आंकड़े तक रहा. इसी तरह जहां साल 2017 में प्रदेश में हत्या के 4324 मामले हुए. वहीं साल 2018 में यह संख्या 4018 रही. इसके अलावा साल 2017 में डकैती के 251 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2018 में इसमें 42.63 % की गिरावट हुई और इस अवधि में 144 मामले ही दर्ज हुए. इसके अलावा लूट के मामलों में भी 22.1 % की कमी आई. फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में भी साल 2017 के मुकाबले साल 2018 में 30.43 % की कमी आई. इसके अलावा राहजनी, दहेज हत्या, हिंसक टकराव आदि की वारदातें भी कम हुई हैं. हालांकि इस दौरान थानों में दर्ज मुकदमों की संख्या में 10.15 % की बढ़ोतरी हुई है. साल 2017 में जहां 3,10,810 मुकदमे दर्ज हुए थे, वहीं साल 2018 में यह आंकड़ा 3,42,355 रहा.

 

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शलभ मणि ने योगी सरकार को सराहा, सपा नेता ने खड़े किए सवाल

प्रदेश BJP प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा- साल 2017 में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद पुलिस को राजनीतिक दबाव से मुक्त कर दिया गया है और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के लिए मुठभेड़ की जा रही हैं, जिसमें अनेक अपराधी मारे गए हैं. इससे प्रदेश में अपराधों का ग्राफ कम करने में काफी मदद मिली है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 से अब तक अपराधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में 72 अपराधी मारे जा चुके हैं. जबकि 7500 बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं. मुठभेड़ों में 4 पुलिसकर्मी शहीद हो गए वहीं 522 घायल हुए’. इस बीच सपा नेता और विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने अपराधों में कमी आने के दावों पर सवाल खड़े करते हुए कहा- ‘प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से त्रस्त हो चुकी है और आगामी लोकसभा चुनाव में वह उसे मुंहतोड़ जवाब देगी’.

 

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